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मैसूरु जिले के विभाजन की बात नई नहीं : विश्वनाथ

locationबैंगलोरPublished: Oct 15, 2019 07:11:29 pm

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

मैसूरु जिले के विभाजन की मांग का समर्थन करते हुए वरिष्ठ राजनेता एच विश्वनाथ ने कहा कि गत दो वर्षों से लेकर इस मांग को लेकर जिले में चिंतनमंथन चल रहा है।लिहाजा मैसूरु जिले के विभाजन की मांग नई नहीं है। यहां मंगलवार को उन्होंने यह मांग राजनीति से प्रेरीत होने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राज्य में कई नए जिलों का निर्माण किया गया है। इससे पहले कोलार, चिक्कबल्लापुर, बेंगलूरु ग्रामीण, धारवाड जैसे कई जिलों का विभाजन किया गया है

मैसूरु जिले के विभाजन की बात नई नहीं : विश्वनाथ

मैसूरु जिले के विभाजन की बात नई नहीं : विश्वनाथ

मैसूरु जिले के विभाजन की बात नई नहीं : विश्वनाथ
मैसूरु.मैसूरु जिले के विभाजन की मांग का समर्थन करते हुए वरिष्ठ राजनेता एच विश्वनाथ ने कहा कि गत दो वर्षों से लेकर इस मांग को लेकर जिले में चिंतनमंथन चल रहा है।लिहाजा मैसूरु जिले के विभाजन की मांग नई नहीं है। यहां मंगलवार को उन्होंने यह मांग राजनीति से प्रेरीत होने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राज्य में कई नए जिलों का निर्माण किया गया है। इससे पहले कोलार, चिक्कबल्लापुर, बेंगलूरु ग्रामीण, धारवाड जैसे कई जिलों का विभाजन किया गया है। जिला मुख्यालयों से दूर रहनेवालों की सुविधाओं का ध्यान रखना प्रशासन का दायित्व है। सरकारी कामकाज के लिए जिला मुख्यलयों से 150 किलोमीटर के चक्कर लगाना आसान नहीं है। इस मांग का विरोध कर रहें पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के कार्यकाल में ही चामराजनगर जिले का निर्माण किया गया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे देवराज अर्स की विचारधाराओं के कट्टे समर्थक होने के कारण उन्होंने मैसूरु से विभाजित नए जिले को देवराज अर्स का नाम देने की मांग की है। पडोसी तमिलनाडु में पेरियार तथा एमजीआर के नाम पर तथा उत्तर प्रदेश में अंबेडकर, शाहु महाराज तथा कांसीराम के नाम पर जिलों का निर्माण किया गया है। ऐसे में इस नए जिले को देवराज अर्स का नाम रखने पर किसी को आपत्ती नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है की विश्वनाथ की इस मांग पर राज्य के कांग्रेस तथा जनता दल (एस) के कई नेताओं ने आपत्ती दर्ज की है।कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने विश्वनाथ की इस मांग को अवसरवादी राजनीति करार दिया है।विश्वनाथ इसी जिले के हुणसूरु विधानसभा क्षेत्र से दिसम्बर माह में प्रस्तावित उपचुनाव लडऩा चाहते है।
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