मैसूरु महल परिसर में दोपहर बाद आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बी एस येडियूरप्पा ने परंपरओं के मुताबिक हाथी पर स्वर्ण सिंहासन में विराजित देवी की मूर्ति को पुष्पांजलि अर्पित कर जंबो सवारी का उद्घाटन किया। महल से शुरु हुई जंबो सवारी करीब ४.५ किलोमीटर की दूरी पूरी तक बन्नी मंटप पहुंचेगी, जहां समापन समारोह होगा। बन्नी मंटप में आयोजित मशाल जुलूस की सलामी राज्यपाल वजूभाई वाळा लेंगे।
1970 के दशक से पहले जंबो सवारी में हाथी पर मैसूरु रियासत के महाराजा सवार होते थे लेकिन बाद में दशहरा महोत्सव का आयोजन सरकारी स्तर पर शुरू होने के साथ ही परंपराएं भी बदल गईं और हाथी पर शहर की अधिष्ठात्री देवी की प्रतिमा को विराजित किया जाने लगा। अभी दशहरा महोत्सव के दौरान सरकारी आयोजन के अलावा पूर्व शाही परिवार की ओर से भी निजी स्तर पर धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। सरकारी कार्यक्रमों में भी पूर्व शाही परिवार के उत्तराधिकारी शामिल होते हैं। मंगलवार को विजयदशमी के मौके पर महल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर श्रीकंठ दत्ता चामराजा वाडियार ने शमी वृक्ष की पूजा सहित अन्य अनुष्ठान किए। इसके बाद महल परिसर में वज्रमुष्टी कला (कुश्ती) प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ।