बेंगलूरु के दायरे से आगे सोचने की जरूरत
दुबई वल्र्ड एक्सपो में अपनी हालिया यात्रा का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि निवेशक कर्नाटक में लाखों-करोड़ के निवेश के लिए तैयार हैं। राज्य को बेंगलूरु के दायरे से बाहर निकल कर देखने की जरूरत है। हालांकि, राज्य में स्टार्टअप बड़े निवेश देख रहे हैं और इसका 90 फीसदी बाहर से आ रहा है। और केवल 10 फीसदी घरेलू निवेशकों से है। घरेलू निवेशकों को निवेश के लिए आगे आना चाहिए और आर्थिक लाभ हासिल करने के अवसर का उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास नीति, फैब नीति, भूमि सब्सिडी, बिजली सब्सिडी व अन्य उपायों के साथ इंजीनियरिंग छात्रों के लिए अनिवार्य 30 सप्ताह की इंटर्नशिप शुरू करके तकनीकी इको सिस्टम को समान रूप से पोषित करने के लिए सभी उपाय कर रही है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दिल्ली से कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक को वर्ष 2025 तक 300 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनना चाहिए। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस समय तक देश को ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के अनुरूप है।
कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन के अध्यक्ष बी.वी. नायडू ने कहा कि इस क्षेत्र में नवीन उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के लिए शहर में एक सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने भी संबोधित किया। बाद में मंत्री नारायण ने कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विद्याशंकर एस. से मुलाकात की और विश्वविद्यालय से संबंधित एक लाख वर्ग फुट के भवन में एक आइटी पार्क स्थापित करने पर चर्चा की।