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मेहता को नाडप्रभु केम्पेगौड़ा पुरस्कार

locationबैंगलोरPublished: Sep 02, 2018 04:35:25 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

मेहता राजस्थान संघ कर्नाटक द्वारा संचालित मोक्ष वाहिनी एवं नीति वस्त्र भंडार के मुख्य प्रेरणा स्रोत हैं

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मेहता को नाडप्रभु केम्पेगौड़ा पुरस्कार

बेंगलूरु. अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन, बेंगलूरु के अध्यक्ष और जीतो अपेक्स के उपाध्यक्ष एवं राजस्थान संघ कर्नाटक के चेयरमैन रमेश मेहता को समाजसेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए 2018 का नाडप्रभु केम्पेगौड़ा पुरस्कार प्रदान किया गया है। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम शनिवार को बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका की ओर से कार्पोरेशन प्रांगण स्थित शीश महल में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर थे। अध्यक्षता महापौर सम्पतराज ने की। मेहता को यह पुरस्कार महापौर सम्पतराज ने प्रदान किया। मेहता राजस्थान संघ कर्नाटक द्वारा संचालित मोक्ष वाहिनी एवं नीति वस्त्र भंडार के मुख्य प्रेरणा स्रोत हैं।

कपट करने वाला पाता है दुख
बेंगलूरु. श्रीरामपुरम जैन स्थानक में साध्वी दिव्यज्योति ने कहा कि जो व्यक्ति माया व कपट करता है, वह संसार में बार-बार जन्मता है। दुखों का सामना करता है। जहां भी जन्म लेता है वहां दुख, विपत्ति, भय, पीड़ा उसका पीछा करती है। शास्त्र में बताया है कि माया कपट व्यवहार में तो क्या, धर्म साधना, भगवान की पूजा अर्चना और सत्कार्य करने में भी नहीं करना चाहिए। धर्म के क्षेत्र में भी यदि कोई सूक्ष्म माया करता है, थोड़ा सा कपट करता है तो वह भी बड़ा अनर्थकारी व दुखदायी होता है। आज संसार में मायाचार बढ़ रहा है। हर कोई दुरंगा है। कपट से आप अपना काम तो बना सकते हैं, परंतु किसी को अपना नहीं बना सकते। साध्वी अमितसुधा ने कहा कि आज हर व्यक्ति की क्रिया, आचरण, व्यवहार अलग अलग है।
जीवन को सुंदरवन बनाएं
नाकोड़ा पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर में संत अभिनंदनचंद्र सागर ने कहा कि स्वस्थ रहो। यह जीवन दिन ब दिन जल की भांति बहता रहता है।
उन्होंने कहा कि जीवन को सुंदरवन बनाना है तो स्वस्थ चित्त से रहो। संसार है वह जो स्वार्थ से भरा है। जहां आपको विश्वासघात विकट स्थितियों में से भी गुजरना पड़ता है, पर हिम्मत न हारो।
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