सरकार ने आदेश दिया है कि समिति को १५ दिन में बेंगलूरु में प्रभावी, कुशल और सतत परिवहन प्रणाली की सिफारिश करे जो अंतिम गंतव्य पहुंच का समाधान बताए। समिति में विभिन्न विभागों के प्रमुखों को शामिल किया जाएगा जिसमें परिवहन, यातायात पुलिस आदि का सुझाव लिया जाएगा और समिति के अध्यक्ष बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (बीएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक होंगे।
सरकार के आदेश में समिति से पूछा गया है कि शहर में मौजूदा बाइक टैक्सी का क्या लाभ है? समिति इसका अध्ययन करे और अपना सुझाव दे। बीएमआरसीएल ने प्रबंध निदेशक अजय सेठ ने कहा कि सरकार ने जिन मुद्दों पर सुझाव मांगा है समिति उस पर व्यापक विचार विमर्श करेगी। विशेषज्ञों और विभिन्न विभागों द्वारा विभिन्न विकल्पों का प्रस्ताव दिया गया है। हम उनकी जांच करेंगे और प्रभावी समाधान पर रिपोर्ट पेश करेंगे।
वर्ष-२०१७ में विश्व अनुंसधान संस्थान (डब्ल्यूआरआइ) की रिपोर्ट में मेट्रो और सार्वजनिक बसों की खामियों को उजागर किया गया था। इसमें कहा गया था कि जो लोग मेट्रो स्टेशनों से पांच किमी की दूरी पर रहते हैं वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना नहीं चाहते। यहां तक कि दो से तीन किमी दूरी पर रहने वाले भी मेट्रो और बसों की तुलना में निजी वाहनों को प्राथमिकता देते हैं।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा था कि अंतिम गंतव्य पहुंच के लिए बेहतर परिवहन व्यवस्था के अभाव में लोग निजी वाहनों से मेट्रो स्टेशनों तक आने जाने का उपयोग करते हैं जिस कारण सडक़ों पर यातायात दबाव कम नहीं हो रहा है। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और इसे उपयोगकर्ता हितैषी बनाने के लिए एकीकृत टिकट प्रणाली विकसित करने का सुझाव कई एजेंसियों ने दिया है।
अंतिम गंतव्य के लिए बाइक टैक्सी को एक बेहतर विकल्प माना गया है लेकिन सुरक्षा कारणों से परिवहन विभाग ने पूर्व में बाइक टैक्सी के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अतिरिक्त बीएमटीसी ने भी आशंका जाहिर की थी कि बाइक टैक्सी को बढ़ावा देने से उसका राजस्व प्रभावित होगा क्योंकि बाइक टैक्सी का सफर प्रीमियम बसों में सफर की तुलना में सस्ता है।
बाइक टैक्सी को इस समय हरियाणा और गोवा में परिचालन अनुमति है। समिति इन तथ्यों पर गौर करेगी और सुरक्षा सहित सार्वजनिक परिवहन को इससे होने वाले लाभ का आकलन करने के बाद इसके परिचालन की सिफारिश की जाएगी।