नम्मा मेट्रो ने बहुत ही कम समय में लोगों के दिलों में जगह बनाई है। सुरक्षित और किफायती होने के कारण यह बेहद तेजी से सबसे पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन बनता जा रहा है। मेट्रो की सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं को देखते हुए इसमें हर कोई सफर करना चाहता है। यात्रियों की हर दिन बढ़ती संख्या को देखने से ही यह साबित होता है। वर्ष 2017 में जहां वार्षिक यात्री संख्या 9.27 करोड़ थी, वहीं वर्ष 2018 में 13.17 करोड़ यात्रियों ने सफर किया। यानी एक वर्ष में चार करोड़ यात्री बढ़े।
हालांकि नम्मा मेट्रो अपनी इस सफल यात्रा के बावजूद कई मोर्चों पर पिछड़ा हुआ है। जैसे, सभी मेट्रो में कोचों की संख्या 3 से बढ़ाकर 6६ करने की समयसीमा जून-2019 रखी गई थी, लेकिन सितंबर महीने तक 50 में से सिर्फ 22 ट्रेन ही छह कोच की हो पाई हैं।
बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने अब मार्च 2020 की नई समयसीमा निर्धारित की है। विशेषकर ग्रीन लाइन पर सिर्फ 5 ट्रेन ही छह कोच वाली हो सकी हैं। इससे भी ज्यादा अहम बात यह है कि बीएमआरसीएल ने इस स्थिति से सबक नहीं सीखा है और दूसरे फेज के लिए नए कोच बनवाने का ऑर्डर भी अभी तक नहीं दिया है।
इस वर्ष एमजी रोड-बैयप्पनहल्ली खंड पर एक मेट्रो पिलर में तकनीकी खामी उजागर होने से मेट्रो की सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता हुई। वहीं कुछ स्टेशनों पर सुरक्षा चूक भी उजागर हुई और जिसमें श्रीरामपुरम स्टेशन परिसर में एक दुर्घटना में एक बच्चे की मौत हो गई।
मेट्रो सेवाओं को लेकर यात्रियों तक जानकारी पहुंचाने में भी बीएमआरसीएल पिछड़ा है। नम्मा मेट्रो के ट्विटर हेंडल पर कभी कभार अपडेट होता है, जिससे कई बार मेट्रो परिचालन में आंशिक बदलाव का यात्रियों को पता नहीं चलता और वे परेशान होते हैं।
मेट्रो सेवाओं को लेकर यात्रियों तक जानकारी पहुंचाने में भी बीएमआरसीएल पिछड़ा है। नम्मा मेट्रो के ट्विटर हेंडल पर कभी कभार अपडेट होता है, जिससे कई बार मेट्रो परिचालन में आंशिक बदलाव का यात्रियों को पता नहीं चलता और वे परेशान होते हैं।
प्रदूषण से मिली मुक्ति, सुहाना हुआ सफर
मेट्रो में हर दिन करीब 4.5 लाख लोग सफर करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या ऐसे मुसाफिरों की है जो पहले अपने निजी वाहनों का उपयोग करते थे। एक सर्वेक्षण के अनुसार मेट्रो के कारण हर दिन सडक़ पर करीब एक लाख वाहनों का दबाव कम हुआ है, जिससे प्रदूषण का स्तर कम और सफर सुहाना होता है। विशेषकर जिन रूटों पर मेट्रो की सेवा है, वहां बड़ी संख्या निजी वाहन उपयोगकर्ताओं ने सीमित वाहन उपयोग करना आरंभ किया है। नववर्ष, क्रिकेट मैच और तेज बारिश के दौरान भी मेट्रो की उपयोगिता साबित होती है। हर वर्ष ऐसे अवसरों मेट्रो एक विश्वसनीय परिवहन सेवा बनकर उभरा है।
मेट्रो में हर दिन करीब 4.5 लाख लोग सफर करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या ऐसे मुसाफिरों की है जो पहले अपने निजी वाहनों का उपयोग करते थे। एक सर्वेक्षण के अनुसार मेट्रो के कारण हर दिन सडक़ पर करीब एक लाख वाहनों का दबाव कम हुआ है, जिससे प्रदूषण का स्तर कम और सफर सुहाना होता है। विशेषकर जिन रूटों पर मेट्रो की सेवा है, वहां बड़ी संख्या निजी वाहन उपयोगकर्ताओं ने सीमित वाहन उपयोग करना आरंभ किया है। नववर्ष, क्रिकेट मैच और तेज बारिश के दौरान भी मेट्रो की उपयोगिता साबित होती है। हर वर्ष ऐसे अवसरों मेट्रो एक विश्वसनीय परिवहन सेवा बनकर उभरा है।
अब फेज-2 भी लेटलतीफी में उलझा
कई समयसीमा का तोडऩे के बाद नम्मा मेट्रो फेज-1 की सभी लाइनों पर 18 जुलाई 2017 को परिचालन आरंभ हुआ। उस समय बीएमआरसीएल ने दावा किया था कि उन्होंने फेज-१ से अनुभव लिया है और फेज-2 के 72 किमी लाइन को तय समयसीमा में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन, ऐसा होता नहीं दिख रहा है। फेज-2 के तहत पर्पल लाइन और ग्रीन लाइन पर क्रमश: येलचनहल्ली-अंजनापुरा खंड और मैसूरु रोड-केंगेरी खंड पर परिचालन आरंभ करने की समय सीमा 2019 तय की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर दिसंबर 2020 किया गया है। वहीं डेयरी सर्कल-नागवारा भूमिगत खंड के लिए अभी निविदा प्रक्रिया ही पूरी हुई है, जिससे इस लाइन के 2023 या 2024 तक पूरा होने का अनुमान है।
बैयप्पनहल्ली-वाइटफील्ड खंड और आरवी कॉलेज-बोम्मसंद्रा खंड का निर्माण भी तय समय सीमा से पीछे चल रहा है और इन पर पूर्ण परिचालन के लिए 2023 तक इंतजार करना होगा। सिल्क बोर्ड-केआरपुरम खंड में भी फिलहाल निविदा और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सुलझी है।
कई समयसीमा का तोडऩे के बाद नम्मा मेट्रो फेज-1 की सभी लाइनों पर 18 जुलाई 2017 को परिचालन आरंभ हुआ। उस समय बीएमआरसीएल ने दावा किया था कि उन्होंने फेज-१ से अनुभव लिया है और फेज-2 के 72 किमी लाइन को तय समयसीमा में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन, ऐसा होता नहीं दिख रहा है। फेज-2 के तहत पर्पल लाइन और ग्रीन लाइन पर क्रमश: येलचनहल्ली-अंजनापुरा खंड और मैसूरु रोड-केंगेरी खंड पर परिचालन आरंभ करने की समय सीमा 2019 तय की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर दिसंबर 2020 किया गया है। वहीं डेयरी सर्कल-नागवारा भूमिगत खंड के लिए अभी निविदा प्रक्रिया ही पूरी हुई है, जिससे इस लाइन के 2023 या 2024 तक पूरा होने का अनुमान है।
बैयप्पनहल्ली-वाइटफील्ड खंड और आरवी कॉलेज-बोम्मसंद्रा खंड का निर्माण भी तय समय सीमा से पीछे चल रहा है और इन पर पूर्ण परिचालन के लिए 2023 तक इंतजार करना होगा। सिल्क बोर्ड-केआरपुरम खंड में भी फिलहाल निविदा और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सुलझी है।
एयरपोर्ट लाइन के लिए लंबा इंतजार
केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआइए) को हाई स्पीड रेल नेटवर्क से जोडऩे के लिए मेट्रो का विस्तार देने का निर्णय किया गया है। ३३ किमी की एयरपोर्ट लाइन फिलहाल कागजों तक सीमित है। निविदा और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के बाद कम से कम चार से पांच वर्ष निर्माण के लिए चाहिए।
केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआइए) को हाई स्पीड रेल नेटवर्क से जोडऩे के लिए मेट्रो का विस्तार देने का निर्णय किया गया है। ३३ किमी की एयरपोर्ट लाइन फिलहाल कागजों तक सीमित है। निविदा और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के बाद कम से कम चार से पांच वर्ष निर्माण के लिए चाहिए।
दमघोंटू ट्रैफिक से राहत
बेंगलूरु की दमघोंटू ट्रैफिक से मेट्रो ने निजात दिलाई है। जिन रूटों पर मेट्रो की सेवाएं वहां सफर का सबसे बेहतर विकल्प मेट्रो है। महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित रहने से महिलाओं का सफर और आसान हो जाता है। लेकिन, जरूरत है मेट्रो फेज-2 को जल्द क्रियान्वित किया जाए ताकि शहर की कछुआ चाल ट्रैफिक में जूझते लोगों का मेट्रो से सफर सुहाना हो।
दामिनी, दैनिक मेट्रो यात्री
बेंगलूरु की दमघोंटू ट्रैफिक से मेट्रो ने निजात दिलाई है। जिन रूटों पर मेट्रो की सेवाएं वहां सफर का सबसे बेहतर विकल्प मेट्रो है। महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित रहने से महिलाओं का सफर और आसान हो जाता है। लेकिन, जरूरत है मेट्रो फेज-2 को जल्द क्रियान्वित किया जाए ताकि शहर की कछुआ चाल ट्रैफिक में जूझते लोगों का मेट्रो से सफर सुहाना हो।
दामिनी, दैनिक मेट्रो यात्री
बेहतर सेवाओं की प्रतिबद्धता
नम्मा मेट्रो हमेशा ही यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि हर दिन यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। मार्च 2020 तक सभी मेट्रो को छह कोचों में करने का लक्ष्य है। साथ ही मांग के अनुरूप हम प्रत्येक तीन मिनट में परिचालन कर सकते हैं। फेज-2 का निर्माण कार्य संतोषप्रद तरीके से गतिमान है।
बीएल यशवंत चव्हाण, सीपीआरओ, नम्मा मेट्रो
नम्मा मेट्रो हमेशा ही यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि हर दिन यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। मार्च 2020 तक सभी मेट्रो को छह कोचों में करने का लक्ष्य है। साथ ही मांग के अनुरूप हम प्रत्येक तीन मिनट में परिचालन कर सकते हैं। फेज-2 का निर्माण कार्य संतोषप्रद तरीके से गतिमान है।
बीएल यशवंत चव्हाण, सीपीआरओ, नम्मा मेट्रो