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पर्यावरण की रक्षा नहीं हुई तो नैसर्गिक आपदाएं आएंगी: मनगोली

locationबैंगलोरPublished: Sep 19, 2018 04:31:12 am

बागवानी मंत्री एमसी मनगोली ने कहा कि अगर प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा नहीं की तो पूरा देश बर्बाद हो जाएगा और सूखे का सामना करना पड़ेगा।

पर्यावरण की रक्षा नहीं हुई तो नैसर्गिक आपदाएं आएंगी: मनगोली

पर्यावरण की रक्षा नहीं हुई तो नैसर्गिक आपदाएं आएंगी: मनगोली

बेंगलूरु. बागवानी मंत्री एमसी मनगोली ने कहा कि अगर प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा नहीं की तो पूरा देश बर्बाद हो जाएगा और सूखे का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने मंंगलवार को मल्लेश्वरम स्थित वन भवन में विश्व बांस दिवस -२०१८ के अवसर पर पुन:गठित राष्ट्रीय बांस मिशन, नदियों की संरक्षण योजना और बांस विकास कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि विश्व को पर्यावरण की रक्षा नहीं करने और जंगल नष्ट करने के कारण कई नैसर्गिक आपदाओं और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इसके बावजूद इंसान ने कोई सबक नहीं सीखा। पर्यावरण की रक्षा नहीं करने पर किन संंकटों का सामना करना पड़ेगा, यह जानने के कहीं जाने की जरूरत नहीं बल्कि करीबी कोडग़ू और केरल को देखा जा सकता है।


उन्होंने कहा कि बांस की मांग बढ़ रही है लेकिन उसके अनुसार आपूर्ति और उत्पादन नहीं हो रहा है। बांस का उत्पादन बढ़ाने के लिए वन और बागवानी विभाग के सहयोग की जरूरत है। किसान विभिन्न संकटों का सामना कर रहे है। अगर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करनी है तो कृषि के साथ बांस और बागवानी उत्पादों के उत्पादन की जरूरत है।


उन्होंने कहा कि देश में बांस के १५०० से अधिक उत्पाद बनाते हैं। बांस के बारे में किसानों को कम जानकारी है। वन और बागवानी विभागों को मिल कर किसानों को जानकारी देने का कार्यक्रम बनाना होगौ। बांस केवल जंगल में ही नहीं उगता बल्कि इसका खेतों में भी उत्पादन किया जा सकता है।


इस अवसर पर प्रमुख मुख्य वन संरक्षण अधिकारी और वन कार्य बल के प्रमुख पी श्रीधर ने कहा कि प्रदेश में लगभग १५,७६६ हेक्टेयर वन क्षेत्र में और ५८८ हेक्टर अन्य क्षेत्रों में बांंस का उत्पादन किया जा रहा है। बांस के पौधे लगाने के लिए ४७.४९ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। बांस का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बांस मिशन शुरू किया है। हर जिले में बांस विकास समिति गठित कर जिला स्तर पर कृषि विभाग के जरिए बांस उत्पादन पर सब्सिडी देने की योजना भी है।


प्रमुख मुख्य वन संरक्षाणाधिकारी सी.जयराम, पार्षद सुमंगला, विधान परिषद के सदस्य ए.देवेगौड़ा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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