स्वभाविकता ही हमारा वास्तविक अस्तित्व-साध्वी शीतलगुणाश्री
विजयनगर में धर्मसभा का आयोजन
बैंगलोर
Published: March 26, 2022 07:34:39 am
बेंगलूरु. विजयनगर में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि इस संसार में सबसे बड़ा धन है वह क्या हो सकता है आज व्यक्ति पैसे को ही सबसे बड़ा धन मानता है पर यह धन है कोई भी लुटेरा एक क्षण के अंदर आपके पास से लूट कर ले जा सकता है। साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि हर व्यक्ति के पास के अंदर कुछ धन ऐसा है, जो स्वयं उसकी निजी संपत्ति होती है उसको कोई भी चोर है चुराकर ले जाने की हिम्मत नहीं कर सकता है। उस धन को जो व्यक्ति सुरक्षित रख लेता है वही व्यक्ति सबसे बड़ा धनी व्यक्ति कहलाने का अधिकार प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि तीन प्रकार के धन हैं वह हमारे जीवन के अनमोल धरोहर है। सबसे पहला जो धन है वह है हमारी इमानदारी। दूसरा जो धन है वह है हमारी स्वयं की अपनी गरिमा और तीसरा सबसे बड़ा धन है वह है हमारा सम्मान। यह तीन चीजें जिस व्यक्ति के अंदर हमेशा सुरक्षित रहती हैं वही व्यक्ति अपने आपको इस संसार के अंदर सबसे बड़े धनाढ्य व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठित करने में सफलता प्राप्त कर सकता है। यह हमारे के आदर्श बन जाएंगे। उस दिन हम सच्चे धनवान कहलाने के अधिकारी भी बन जाएंगे। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि हम जीवन में क्या करते हैं उससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हमारे अंदर क्या चल रहा है या यूं कहें हमारी स्वभाविकता ही हमारा वास्तविक अस्तित्व है। अगर हम अंदर से अच्छे हैं, ईमानदार हैं, पवित्र हैं तो हमसे सब अच्छा ही होगा, फिर हमको इसकी चिंता करने की आवश्यकता ही नहीं...हम अंदर से नम्र हों,प्रेमी हों,दया से भरे हों तो सभी के लिए यही प्रतिक्रिया निकलेगी, इसके लिए हमको अलग से प्रयत्न नहीं करना है, यह स्वाभाविक होगा, अगर मन में गंदगी,गंध भरी हो और बाहर सुगंध फैलाना चाहें तो यह संभव नहीं है। यह बिल्कुल हमारे डिओडरेंट लगाने जैसा होगा..जितनी शरीर से ज्यादा अप्रिय गंध,उतना ही ज्यादा डिओडरेंट लगाना हम शुरू कर देते, और ये भूल जाते कि ये क्षणिक है, बेहतर होगा हम अंदर से शुद्ध बनें..आज अपने प्रभु से समभाव पूर्ण दोषमुक्त जीवन जीने की अलौकिक प्रार्थना के साथ सीमंधर स्वामी राजेन्द्र सूरि जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष मेघराज भंसाली, मांगीलाल वेदमूथा,नेमिचंद वेदमूथा, तिलोकचंद भंडारी, हेमराज मोदी ने बताया कि साध्वी शीतलगुणाश्री का वर्षीतप पारणा 2 से 4 मई तक अक्षय तृतीया को सीमंधर स्वामी राजेन्द्र सूरि जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ मामूलपेट के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा। साध्वी शुक्रवार सुबह ओकलीपुरम से विहार कर विजयनगर पहुंचीं। उनके साथ महालक्ष्मी लेआउट, मंजूनाथनगर विहार सेवा समिति के रमेश कुमार छाजेड़, सुनील कुमार कुंकुलोल, देवेन्द्र तातेड़, हिमांशु छाजेड़ भी उपस्थित थे।

स्वभाविकता ही हमारा वास्तविक अस्तित्व-साध्वी शीतलगुणाश्री
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