उन्होंने कहा कि समाज में मादक पदार्थ की खरीद-फरोख्त करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। अक्सर शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास मादक पदार्थ बेचने वाले अधिक सक्रिय रहते हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों मादक पदार्थ से संंबंधित आपराधिक वारदातें अधिक होरही हंै। प्रदेश की सीमा से, पर्यटकों के वेश में, हवाई जहाजों के जरिए मादर्क पदार्थों की तस्करी हो रही है। नशा मुक्ति केन्द्र हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है। इन केंद्रों को और सार्थक बनाने के लिए सभी लोग सुझाव दें, जिन्हें सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
डीजीपी ने कहा कि सरकार ने युवाओं को नशे से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसलिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से लेकर निचले स्तर के पुलिस कर्मचारियों को भी ईमानदारी से काम करना होगा।
समय के साथ बदलें पुलिसकर्मी: अजय कुमार
सेवा निवृत्त डीजीपी डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि बदलते समाज के साथ पुलिस कर्मचाारियों को भी अपनी जांच-शैली में परिवर्तन लाने की जरूरत है। अभी भी पुलिस कर्मचारी अपराधिक मामलों की जांच करने के लिए पुराना तरीका इस्तेमाल कर रहे हैं। आज दुनिया बहुत बदल चुकी है। नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। पुलिस कर्मचारियो को भी आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहिए। आज भी आरोपियों से सच्चाई उगलाने के लिए उनकी पिटाई की जाती है।
इस विषय में मनो विज्ञान का सही तरीके से इस्तेमाल करने से जांच में तेजी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई में कानून प्रवर्तन और क्षमता वृद्धि दोनों अत्यंत प्रमुख है। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महा निदेशक (यातायात एवं सड़क सुरक्षा) डॉ. एमए सलीम और अन्य कई वरिष्ठ पुलिसअधिकारी उपस्थित थे।