नायक धीर, गंभीर, विवेक, विनय, प्रामाणिक, समर्पित होना जरूरी है। प्रारम्भ में मुनि ने पुज्जिसुणम का जाप करते हुए बताया कि भगवान महावीर के प्रथम पट्टधर गणधर सुधर्मा स्वामी ने इस स्तुति में भगवान की महिमा को भाव विभोर होकर गुणगान किया है और यहां सर्व प्रकारेण लाभदायक है। भवंत मुनि, जयवंत मुनि ने भी विचार व्यक्त किए। संघ अध्यक्ष कैलाशचंद बोहरा ने स्वागत किया। मंत्री सुशीलकुमार नंदावत ने आभार ज्ञापित किया। भीकमचंद गौतमचंद राजेशकुमार जंबूकुमार बाफना परिवार ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। राजेन्द्रकुमार मुथाा ने लाभार्थी का अभिनन्दन किया।
महापुरुष करते हैं संसार पर धर्म की वर्षा
बेंगलूरु. शांतिनगर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ में आचार्य महेंद्र सागर सूरी की निश्रा में जगदगुरु हीर सूरी व राष्ट्र संत आचार्य पद्मसागर सूरी के क्रमश: स्वर्गवास दिवस व जन्म दिवस के उपलक्ष्य में गुणानुवाद कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि बादल समुद्र से पानी लेकर आसमान में ऊंचे जाकर मीठा पानी धरती पर बरसाते हैं और धरती को तृप्त और हराभरा करते हैं। इसी तरह से इनके जैसे महापुरुष श्रुतरुपी समुंदर से ज्ञान जल ग्रहण करके संसार पर धर्म की वर्षा करते हैं।
जीवों के अंतर को धर्म जल से तृप्त करके, उस धर्म जल को प्राप्त कर ग्रहण करने वाले जीव अपने हृदय को सरस व जीवन को धर्म के जल से भीगा भीगा बनाकर अपना आत्म कल्याण साधते हैं। कार्यक्रम में शहर के समस्त संघों के अध्यक्ष, ट्रस्ट मंडल का संघ की ओर से बहुमान व अभिनंदन किया गया।