प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित समारोह में गुुंडुराव ने कहा कि भाजपा सरदार वल्लभ भाई पटेल से तुलना कर नेहरू के खिलाफ एक नई कहानी सुना रही है। भाजपा कह रही है कि अगर नेहरू की जगह सरदार पटेल पहले प्रधानमंत्री बनते तो यह देश के लिए बेहतर होता। सच बात यह है कि भाजपा को अपनी पार्टी में कोई ऐसा नेता नजर नहीं आया जिसकी मूर्ति बना सके तो उन्होंने पटेल को चुना।
उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि नेहरू के खिलाफ बोलने वाले वे कौन होते हैं। नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 3 हजार दिन जेल में काटे। अगर संघ परिवार के सभी नेताओं को शामिल कर दिया जाए तो वे 10 दिन से ज्यादा जेल में नहीं रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी पार्टी में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा जैसे नेता हैं फिर क्यों पटेल की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले फासीवादी विचारधारा देश में जड़ पकड़ ले उसे उखाड़ फेंकना चाहिए।
इस अवसर पर सांसद एनवाई हनुमंतप्पा ने कहा कि जब देश में पहला आम चुनाव हुआ तब सरदार जीवित नहीं थे। अगर वे जीवित होते तो चुनाव लड़ते और शायद जीत भी जाते और प्रधानमंत्री बन सकते थे। लेकिन, जब यह कहा जा रहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोका गया तो इस बात का विरोध किया जाना चाहिए।
केंद्रीय अध्ययन दल 17 से करेगा सूखा प्रभावित इलाकों का दौरा
बेंगलूरु. राज्य के 13 जिलों के 100 तालुकों में इस साल सूखे के हालात व फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ गौतम की अगुवाई में दस सदस्यीय दल १७ से 19 नवंबर तक प्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों का दौरा करेगा।
राज्य के राजस्व मंत्री आर.वी.देशपांडे ने कहा कि कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ गौतम की अगुवाई में आने वाला यह दल तीन समूहों में विभाजित होकर प्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों में जाकर जमीनी हालात का अध्ययन करेगा। दल पहले दिन यादगीर व रायचूर, दूसरे दिन बल्लारी तथा दावणगेरे जिलों का दौरा करेगा। डा. महेश की अगुवाई वाली दूसरी टीम धारवाड़, बेलगावी, विजयपुरा व गदग जिलों तथा मानस चौधरी के नेतृत्व वाली तीसरी टीम कोलार, चिक्कबल्लापुर, तुमकूरु तथा चित्रदुर्गा जिलों का दौरा करेंगी।
तीन दिनों तक हालात का अध्ययन करने के साथ ही ये दल फसलों को पहुंचे नुकसान का जायजा लेंगे। 20 नवम्बर को तीनों टीमों के सदस्य बेंगलूरु में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राजस्व व कृषि मंत्री के साथ बैठक कर सूखे के संबंध में अतिरिक्त जानकारी एकत्रित करेंगे। बाद में केंद्र सरकार को रिपोर्ट पेश करेंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 13 जिलों के 100 तालुकों को इस साल सूखा प्रभावित घोषित किया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी व राजस्व मंत्री आर.वी.देशपांडे ने केंद्र सरकार से सूखा प्रभावित इलाकों का अध्ययन करने के लिए केंद्र सरकार से अध्ययन दल भेजने का अनुरोध किया था।