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सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ेगी नई शिक्षा नीति: अश्वथ

locationबैंगलोरPublished: Oct 21, 2021 09:47:44 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह

सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ेगी नई शिक्षा नीति: अश्वथ

बेंगलूरु. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सीएन अश्वथनारायण ने कहा कि विश्व को रामायण जैसा सर्वकालिक प्रासंगिक महाकाव्य का उपहार देनेवाले संत वाल्मीकि वास्तविक विश्वगुरु हैं।

बुधवार को मल्लेश्वरम में महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि इस महाकाव्य में वर्णित त्रेता युग के मानवीय तथा जीवन मूल्य आज भी प्रासंगिक तथा प्रेरणा के स्रोत हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे देश के सांस्कृतिक मूल्यों से विद्यार्थियों को अवगत करने का प्रयास किया जा रहा है। आधुनिकता के नाम पर हमने अपनी सांस्कृतिक जड़ों की अनदेखी करते हुए पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण किया है। जिसके परिणामस्वरूप युवा पीढ़ी सांस्कृतिक परंपराओं से अनभिज्ञ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से इस खामी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

7 लाख से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संत वाल्मिकी महर्षी के नाम से ही आश्रम शालाएं स्थापित की है। साथ में इस समुदाय के 7 लाख से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण किया जा रहा है। इस समुदाय के शैक्षणिक विकास पर विशेष ध्यान देकर समुदाय के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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