बोम्मनहल्ली ने बताया कि चीनी मिलों को कई बार नोटिस जारी कर गन्ना उत्पादकों की बकाया राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए गए। लेकिन प्रशासन को कोई जवाब नहीं मिलने पर चीनी मिलों को कब्जे में लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्व्मी ने हाल ही में विधानसौधा में गन्ना उत्पादों की बैठक में चीनी कारखानों से बकाया राशि वसूल करने के लिए मिलों को कब्जेे में लेने के आदेश दिए थे। अब सीज की गई चीनी मिलों के भंडार में रखी चीनी बेच कर किसानों को बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। इन चीनी मिलों को किसानों की लगभग १,१८२ करोड़ रुपए बकाया राशि का भुगतान करना है।
सीज किए गए ९ चीनी मिलों के नाम इस तरह हैं : खानापुर भाग्यालक्ष्मी चीनी मिल, मुनावल्ली रेणुका शुगर्स, कोलाविया गोकाक शुगर्स, सोमेश्वर सहकारिता शुगर फैक्टरी, विश्वराज शुगर्स, अथनी शुगर्स, कृष्णा शुगर्स, उगार शुगर्स और एमके हुब्बली मलाप्रभा सहकारिता शुगर फैक्टरी।