मेंगलूरु. जिले में कथित तौर पर दो लोगों के निपाह वायरस से पीडि़त होने की बात सामने आई है। दोनों अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामकृष्ण ने बताया कि कंठ स्राव के नमूनों को जांच के लिए मणिपाल वायरस अनुसंधान केंद्र भेजा गया है। बुधवार शाम या गुरुवार सुबह तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। जिसके बाद आगे की पुष्टि के लिए रिपोर्ट को पुणे स्थित राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान भेजा जाएगा।
निपाह वायरस का पहला मामला सबसे पहले सिंगापुर-मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह में 1998 में सामने आया था। जिसके बाद इस वायरस का नाम निपाह पड़ा। उस वक्त वायरस के वाहक ***** थे।
फ्रूट बैट्स प्रजाति के चमगादड़ के जरिए लोगों में संक्रमण जल्दी फैलता है। कारण, यह एक मात्र स्तनधारी है जो उड़ सकता है। पेड़ पर लगे फलों को खाकर संक्रमिक कर देता है। जब पेड़ से गिरे इन संक्रमित फलों को इंसान खा लेता है तो वह बीमारी की चपेट में आ जाता है।
* जमीन पर झड़े फलों के सेवन से बचें।
* बीमार घरेलू जानवर व सूअरों को लेकर विशेष सावधानी बरतें, दूरी बनाए रखें।
* खजूर के पेड़ से निकले तरल पदार्थ का सेवन न करें।
* जानवरों द्वारा खाने के निशान हों तो ऐसी सब्जियां न खरीदें।
* जहां चमगादड़ अधिक हों वहां खजूर खाने से परहेज करें।
* खुले बर्तन में बनी शराब का सेवन न करें।
* चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाएं।