scriptकोडुगू दौरे में जिला प्रभारी मंत्री पर भड़कीं रक्षा मंत्री | Nirmala loses her cool at pc, slams district incharge minister | Patrika News

कोडुगू दौरे में जिला प्रभारी मंत्री पर भड़कीं रक्षा मंत्री

locationबैंगलोरPublished: Aug 25, 2018 01:13:13 am

कहा -‘हैरानी की बात है मैं केंद्रीय मंत्री हूं फिर भी निर्देश मान रही हूंÓ

nirmala in kodagu

कोडुगू दौरे में जिला प्रभारी मंत्री पर भड़कीं रक्षा मंत्री

बेंगलूरु. बाढ़ प्रभावित कोडुगू जिले के दौरे पर आई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण कथित तौर पर प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर आपा खो बैठीं और राज्य सरकार के जिला प्रभारी मंत्री सा.रा. महेश पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की। महेश ने निर्मला से समय के अभाव के कारण जल्दी संवाददाता सम्मेलन समाप्त करने का आग्रह किया था, जिससे निर्मला नाराज हो गईं।
राज्य से राज्यसभा सदस्य सीतारमण जिले में राहत कार्यों का जायजा लेने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक में पहुंची जहां उन्हें महेश के साथ संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित करना था। बैठक को संबोधित करने से पहले उन्होंने जिला प्रभारी मंत्री महेश को गुस्से में कुछ कहा। इसके बाद उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि एक केंद्रीय मंत्री राज्य मंत्री का अनुसरण कर रही है। यह साफ तौर पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। यह सब कुछ मीडिया के सामने हो रहा था। वहां मौजूद लोगों का कहना था कि समय की कमी के चलते महेश ने सीतारमण से जल्दी से जल्दी संवाददाता सम्मेलन खत्म करने को कहा।

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इस पर वह भड़क गईं और कहा कि वह जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए कार्यक्रम का पालन कर रही हैं। समय की कमी उनकी गलती नहीं है। महेश की ओर देखते हुए रक्षा मंत्री ने कहा ‘हैरानी की बात है कि मैं केंद्रीय मंत्री हूं फिर भी आपका निर्देश मान रही हूं। यह अविश्वसनीय है।Ó इसके बाद रक्षा मंत्री कोडुगू की जिलाधिकारी श्रीविद्या की ओर मुखातिब होते हुए पूछा कि क्या कार्यक्रम सही ढंग से चल रहा है? महेश और जिलाधिकारी के संवाद के बीच ही निर्मला ने कहा कि अगर कार्यक्रम मेंं कोई बदलाव होना था उसे पहले तय किया जाना था, इस तरह से मुझे असहज स्थिति में लाना ठीक नहीं है। अगर अधिकारी महत्वपूर्ण हैं तो मेरा परिवार भी बहुत महत्वपूर्ण है।
इसी दौरान जब उन्हें बताया गया कि मीडिया के कैमरे चालू हैं तो उन्होंने कहा कि रिकार्ड होने दीजिए। इसके बाद नाराज दिख रहीं निर्मला ने कक्ष में मौजूद अधिकारियों से पूछा कि आप में से कितने लोग पुनर्वास कार्य से जुड़े हैं? मैं नहीं चाहती यहां मौजूद पुनर्वास कार्य से जुड़ा कोई अधिकारी हतोत्साहित हो।
जब मीडियाकर्मियों ने रक्षा मंत्री से कैमरे के सामने उच्च स्वर में बोलने को कहा तो उसी नाराज स्वर में उन्होंने कहा कि ‘माइक चालू है। सबकुछ रिकॉर्ड हो सकता है। आप जितना चाहे रिकॉर्ड कर सकते हैं।Ó इसके बाद महेश चुप रहे और सीतारमण ने मीडिया को संबोधित किया और विस्तृत सर्वे के बाद जिले को पूरी मदद देने का वादा किया। तत्काल राहत के तौर पर उन्होंने अपने सांसद कोष से 1 करोड़ और रक्षा मंत्रालय की ओर से 7 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
बाद में इस मुद्दे पर महेश ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीतारमण के गुस्से को अनावश्यक बताया और कहा कि बेवजह इस मामले को इतना तूल दिया गया। यह घटना उस वक्त घटी जब कोडुगू जिला बाढ़ के कारण संघर्ष कर रहा है। महेश ने कहा कि यह राज्यसभा के लिए चुने जाने वालों का असली स्वभाव है। वे आम आदमी की समस्याओं और गरीबी से वाकिफ नहीं है। सीतारमण को मर्यादा और गरिमा का ख्याल रखना चाहिए था लेकिन उन्होंने बात का बतंगड़ बना दिया। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि तुरंत बाढ़ राहत पैकेज की घोषणा क्यों नहीं की जाती। क्या केंद्र ने केरल के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने से पहले कोई सर्वे करवाया।
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