इससे पहले, कर्नाटक सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा था कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक असाधारण आदेश पारित किया है। उन्होंने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था और कहा था कि अदालत ने डीजीपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है जिसका निष्पादन राज्य गृह सचिव के जरिए किया जाना है।
बता दें कि यह पूरा मामला डिप्टी एसपी के सर्विस रिकॉर्ड से जुड़ा हुआ था जिसे हाईकोर्ट ने पेश करने के लिए कहा था। इस पर राज्य की तरफ से वकील ने कहा कि रिकॉर्ड देने मे थोड़ा वक्त लग सकता है। कोर्ट ने इस पर आदेश दिया कि रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में डीजीपी भी पेश होंगे।
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सीएए को लेकर दुबई से आया फोन, जान से मार दूंगा इसके बाद जब कोर्ट दोबारा बैठी तो वहां डीजीपी के बजाय उनका प्रतिनिधि पेश हुआ, इस पर कोर्ट ने डीजीपी के खिलाफ गैर जमानत वारंट जारी कर दिया और गृह सचिव को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया।