जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों की मानें तो ‘हत्या हुई और हत्यारों ने गोली मारी’ इसके अलावा कोई अतिरिक्त जानकारी हासिल करने में जांच टीम नाकाम रही है। पुलिस को घटनास्थल से 4 गोलियां मिलीं जिनमें से तीन गौरी लंकेश को लगी थी और एक निशाना चूक गई थी। इसके आधार पर यह तो कहा जा सकता है कि गौरी को .765 एमएम गन से मारी गई। कन्नड़ साहित्यकार प्रो. एम एम कलबुर्गी की हत्या में भी इसी तरह की बंदूक से की गई लेकिन इसके पीछे यह भी वजह हो सकती है कि .765 एमएम की गोलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
गैरकानूनी ढंग से बंदूकों का निर्माण तो देश में कई जगहों पर होता है और बंदूक हासिल करने में कोई कठिनाई नहीं है लेकिन गोलियां हासिल करना हमेशा चुनौती होती है। यानी अगर .765 एमएम की बंदूक है तो गोलियां मिलना मुश्किल नहीं और इसलिए सिर्फ दोनों हत्याओं में इस्तेमाल की गई गन के आधार पर सुराग ढूंढना मुश्किल है। हकीकत यह है कि पुलिस के पास इससे अधिक जानकारी भी नहीं है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच सिर्फ वाम या दक्षिण की ओर नहीं बढ़ रही है। जांच से जुड़े अधिकारी ने कहा कि हत्यारों तक पहुंचने के लिए हर पहलू की गहराई से पड़ताल की जा रही है। हो सकता है कि हत्या के पीछे जो दो तरह की कहानियां गढ़ी जा रही है, वे दोनों गलत हों। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए हत्या के पीछे सबसे बड़ा मकसद क्या हो सकता है,इसे तय करने का प्रयास किया जा रहा है जैसे गौरी लंकेश की मौत से सबसे अधिक फायदा (आर्थिक रूप से, राजनीतिक रूप से अथवा विचारधारा के तौर पर) किसे हो सकता था। हत्या बदले की भावना से की गई या वह नफरत से जुड़ा अपराध है। भले ही वामपंथी या दक्षिणपंथी चरमपंथियों पर संदेह जताया जा रहा है लेकिन जांच अधिकारी अभी तक हत्या के पीछे का स्पष्ट मकसद क्या हो सकता है यह तय नहीं कर पाए हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि हत्याकांड की जांच कर रहे एसआईटी अधिकारियों ने कलबुर्गी हत्याकांड की जांच से जुड़े रहे सीआईडी के तीन प्रमुख अधिकारियों से संपर्क तक नहीं किया। जांच में जुटे एक अधिकारी हत्या के तीसरे कोण के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया।
बढ़ा जांच दल का आकार
मामले की जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से ४० अन्य पुलिस कर्मचारियों को दल में शामिल किया गया है। पहले जांच के लिए गुप्तचर विभाग के पुलिस महा निरीक्षक बी.के.सिंह के नेतृत्व में २१ पुलिसकर्मियों को लेकर विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया था। अब इसमें तीन पुलिस उपाधीक्षक, सात पुलिस निरीक्षक, समेत कुल ४० लोगों को शामिल किया गया है। कई पुलिसकर्मी जांच के लिए महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के साथ ही प्रदेश के कई अन्य शहरों में भेजे गए हैं।
राहुल के पास सबूत है तो पेश करें: येड्डि
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी. एस. येड्डियूरप्पा ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पत्रकार गौरी लंकेश की में संघ परिवार का हाथ होने के सबूत पेश करें।
येड्डियूरप्पा ने सोमवार को यहां भाजपा मुख्यालय में कहा कि हत्या के अगले ही दिन राहुल गांधी ने इस हत्याकांड में संघ परिवार का हाथ होने का बयान दे दिया था। यदि उनके पास इस बारे में कोई सबूत है तो पेश करें, राज्य में उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में है। जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि गौरी हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के अधिकारियों को राहुल गांधी से पूछताछ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हत्याकांड से संघ परिवार व भाजपा का कोई सरोकार नहीं है। यह एक निंदनीय व अमानुषिक घटना है और समग्र जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
कथित गिरफ्तारी की अफवाह से परेशान
मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारी और पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) एमएन अनुचेत ने कहा कि इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नही किया गया है और गिरफ्तारी से संंबंधित खबरें निराधार हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर गौरी लंकेश हत्या मामले में एक संदिग्ध नक्सली की गिरफ्तारी और अज्ञात स्थल पर पूछताछ की खबरें देख कर वे आश्चर्य में हैं।
एसआईटी ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। गिरफ्तारी होने पर मीडिया को सूचना दी जाएगी। उन्होंने मीडिया में झूठी खबरें आने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में केवल एसआईटी प्रमुख विजयकुमार सिंह या वे स्वयं बयान देने के लिए अधिकृत हैं। अगर किसी अन्य अधिकारी ने कोई बयान दिया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
एक संदिग्ध से पूछताछ!
इस बीच अपुष्ट सूत्रों के अनुसार एसआईटी आंध्र प्रदेश से एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर बेंगलूरु लाई है और उससे किसी अज्ञात स्थल पर पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि गांधीबाजार स्थित गौरी लंकेश के दफ्तर से निवास तक सीसीटीवी कैमरों की फीड और उनके मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स, टॉवर लोकेशन के आधार पर जांच के बाद आरोपी का पता चला था। सूत्रों का कहना है कि जांचकर्ताओं ने पाया कि हत्या के बाद संदिग्ध का मोबाइल राज राजेश्वरी नगर के पास चालू था और फिर बंद हो गया। उस मोबाइल टॉवर की लोकेशन पर जांच करने पर वह मोबाइल नंबर आंध्र प्रदेश में होने का पता चला। इसी नंबर के आधार पर एसआइटी आंध्र प्रदेश पहुंची थी। बताया गया है कि एसआईटी का एक दल जांच के लिए दक्षिण कन्नड़ जिले भी गया है।