चीन (China) के वुहान शहर से निकल 23 से भी ज्यादा देशों में फैले नोवल कोरोना वायरस (Novel Corona Virus) को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं। जिससे लोग और ज्यादा असमंजस में हैं। लेकिन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इन भ्रांतियों को रेखांकित करते हुए इन्हें दूर करने की कोशिश की है। चिकित्सकों के अनुसार चीन या कोराना वायरस प्रभावित किसी भी देश से Letters या Parcel लेने में कोई खतरा नहीं है। क्योंकि ये वायरस किसी भी वस्तु पर लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं। कई लोग जानना चाहते हैं कि क्या चीन के वुहान या दूसरे हिस्से जो कि इस वायरस की चपेट में हैं, वहां से निर्यातित माल को छूने से ये वायरस फैल सकता है। इस सवाल का जवाब ये है कि अब तक ऐसे कोई सबूत सामने नहीं आए हैं जिनके आधार पर ये पुख्ता तौर पर कहा जा सके कि वुहान या दूसरे संक्रमित इलाकों से आए माल को छूने से वायरस फैल सकता है।
साबुन और पानी से हाथ धोना बेहतर
जानवर या पालतू जानवरों से भी इसके फैलने का खतरा नहीं है। अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है। बावजूद इसके किसी भी जानवर के संपर्क में आने के फौरन बाद साबुन और पानी से हाथों को साफ कर लेना चाहिए। इससे अन्य कई बीमारियों से भी बचाव संभव है।
निमोनिया के टीके अप्रभावी
कई लोगों को लगता है कि निमोनिया के टीके कोरोना वायरस से बचा सकते है, जो गलत है। कोरोना वायरस के खिलाफ ये टीके अप्रभावी हैं। यह वायरस इतना नया है कि इसके लिए किसी विशिष्ट टीके की जरूरत है। दुनिया भर के शोधकर्ता टीका बनाने में लगे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसमें सहयोग कर रहा है।
नमक का घोल आम सर्दी से जल्दी उबार सकता है
जिन्हें लगता है कि नमक के घोल से बार-बार नाक साफ करने से कोरोना वायरस से बचाव संभव है। वे जान लें कि अब तक इसके भी प्रमाण नहीं हैं। हां, ऐसा करने से आम सर्दी से जल्दी उबरने में मदद मिल सकती है।
माउथवॉश कुछ रोगाणुओं से छुटकारा दिला सकता है
माउथवॉश (Mouthwash) से भी कुल्ला करने से बचाव संभव नहीं है। कुछ माउथवॉश चंद मिनटों के लिए लार में मौजूद कुछ रोगाणुओं से छुटकारा दिला सकते हैं। लेकिन यहीं बात कोरोना वायरस के लिए नहीं कहा जा सकता है।
लहसुन और तिल के तेल में कितनी सच्चाई
लहसुन (Garlic) खाने से कोरोना वायरस हमला नहीं करेगा। इस प्रकार के संदेश सोशल मीडिया पर कई दिनों से वायरल हैं। लहसुन में रोगाणुरोधी गुण हैं लेकिन कोरोना वायरस से बचाव संबंधित प्रमाण नहीं है। तिल का तेल कोरोना वायरस को नहीं मारता है। कुछ रासायनिक कीटाणुनाशक हैं जो सतहों पर चिपके या जमे कोरोना वायरस के खात्मे में कुछ हद तक प्रभावित हैं।
हर उम्र के लोगों को खतरा
कोरोना वायरस किसी भी उम्र के व्यक्ति को चपेट में ले सकता है। अस्थमा, मधुमेह और हृदय की बीमारियों (Asthama, Diabetes and Heart ailments )से पीडि़त बुजुर्गों को सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी उम्र के लोगों को स्वच्छता का ध्यान रखने का सुझाव दिया है।
एंटीबॉयोटिक्स का वायरस से कोई लेनादेना नहीं
कई लोगों को लगता है कि एंटीबॉयोटिक (Antibiotics) के इस्तेमाल से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। एंटीबॉयोटिक केवल बैक्टीरिया के खिलाफ काम करते है न कि वायरस के। हां, कोरोना वारयस पीडि़तों के उपचार के दौरान चिकित्सक एंटीबॉयोटिक्स का इस्तेमाल करते हैं लेकिन वे सिर्फ बैक्टीरिया संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है।
विशेष दवा या टीका नही
कोरोना वारयस के उपचार या बचाव के लिए कोई विशेष दवा या टीका नहीं है। संक्रमण हो तो लक्षणों के आधार पर उपचार होता है। कुछ विशिष्ट उपचार जांच के अधीन हैं। क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।