कोविड-19 तकनीकी सलाह समिति के साथ मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे डॉ. सुधाकर ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं हैं। मंकीपॉक्स कोरोना वायरस की तरह संक्रामक नहीं है। यह आसानी से नहीं फैलता है। लंबे समय तक संक्रमित के बेहद नजदीक रहने पर ही इसके संक्रमण की आशंका रहती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंकीपॉक्स के उपचार के लिए दो अस्पताल चिन्हित किए गए हैं। इनमें मेंगलूरु स्थित वेनलॉक जिला अस्पताल और बेंगलूरु स्थित महामारी रोग अस्पताल शामिल हैं। मंकीपॉक्स वायरस के प्रसार को रोकने के स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है।
बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका और सभी जिलाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश और उपचार प्रोटोकॉल जारी किया गया है। हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर विदेशी यात्रियों की स्क्रीनिंग जारी है। उपचार को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण जारी है।
राज्य में मंकीपॉक्स का प्रसार रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने मंगलवार को शीर्ष अधिकारियों और मंत्रियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की और एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए।
मंत्री और उच्चाधिकारियों के साथ सीएम ने की बैठक
- सीएम बोम्मई ने दिए रोकथाम के लिए कदम उठाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में मंकीपॉक्स के छह मामले सामने आए हैं। राज्य में इसका प्रसार नहीं हो इसके लिए सावधानी बरतें। हवाई अड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग के उचित उपाय किए जाएं। केंद्र के दिशा-निर्देशों के मुताबिक संक्रमित व्यक्तियों को 21 दिनों के आइसोलेशन में भेजा जाना चहिए।
मुख्यमंत्री ने उन निजी संस्थानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया जहां मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगियों का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए उपयुक्तक्त प्रशिक्षण और मंकीपॉक्स के बारे में व्यापक जन जागरूकता अभियान शुरू करने को कहा।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में जिन 3 लोगों का परीक्षण किया गया उनमें से दो की रिपोर्ट नेगेटिव रही है। बेल्जियम से यात्रा करने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट आना बाकी है। बेंगलूरु में ईडी अस्पताल और मेंगलूरु में वेनलॉक अस्पताल को आइसोलेशन के लिए चिन्हित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर और मुख्य सचिव वंदिता शर्मा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।