कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धरामय्या ने कहा कि राष्ट्रीय दलों में कोई भी 543 में से 150 सीट के आंकड़े को पार करने की स्थिति में नहीं है। 18 अप्रेल को दूसरे चरण में 14 सीटों पर मतदान से पहले उन्होंने दावा किया कि राज्य में गठबंधन 28 में से 20 सीटें जीतनेे की ओर है। उन्होंने कहा ‘ऐसा लगता है कि कांग्रेस और भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाएंगे। लेकिन, यूपीए को स्पष्ट बहुमत मिल जाएगा।’
उन्होंने कहा कि दावा और हकीकत दो अलग-अलग चीजें हैं। देश में कोई मोदी लहर नहीं है। इसके विपरीत ऐसे लोगों की तादाद बढ़ रही है जो सांप्रदायिक और विभाजनकारी ताकतों पर लगाम लगाना चाहते हैं। यह एनडीए के दूसरे कार्यकाल पर ब्रेक लगा देगा। सिद्धरामय्या ने कहा कि यूपीए को पर्याप्त सीटें मिलेंगी और वह सबसे बड़े दल के तौर पर उभरेगा। स्वाभाविक तौर पर दूसरे क्षेत्रीय दल साथ आएंगे। महागबठबंधन इसलिए बना ताकि धर्मनिरपेक्ष मतों का विभाजन नहीं हो। अभी तक जो धर्मनिरपेक्ष ताकतें आपस में लड़ रही थीं एकजुट हुई हैं।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और जद (एस) मिलकर इस लोकसभा में बड़ी सफलता हासिल करेंगे। कांग्रेस जिन 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है उनमें से 13-14 सीटें जीत लेगी बाकि जद (एस) सीटों की संख्या 20 के आसपास तक पहुंचा देगा।
उन्होंने दोनों दलों के बीच आपसी समन्वय की कमी और गतिरोध के दावे को खारिज किया और कहा कि जद (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा के साथ उन्होंने सभी लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया है। जीटी देवगौड़ा के खिलाफ चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने जरूर चुनाव लड़ा लेकिन अब दोनों एक साथ है। कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनाव लडऩे को कहा गया है। दोनों दलों का वोट शेयर निश्चित तौर पर भाजपा से अधिक है और दोनों पार्टियां मिलकर ज्यादा मत हासिल करेंगी।