बैंगलोर

कर्नाटक में प्राकृतिक चिकित्सा पीजी संस्थान परियोजना के लिए कोई समय सीमा तय नहीं : केंद्र

कोविड महामारी और फंड की कमी के कारण निर्माण कार्य बाधित हुई है। मंत्रालय की प्राथमिकता है कि संस्थान को जल्द से जल्द क्रियाशील बनाया जाए।

बैंगलोरSep 24, 2020 / 04:23 pm

Nikhil Kumar

बेंगलूरु. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को राज्य सभा को बताया कि केंद्र सरकार नागमंगला में प्राकृतिक चिकित्सा स्नातकोत्तर (पीजी) संस्थान के लिए उत्सुक है। लेकिन परियोजना को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।

भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सदस्य के. सी. राममूर्ति को अपने लिखित जवाब में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस संस्थान की स्थापना के लिए एक परियोजना लागू कर रही है। कॉलेज नई दिल्ली स्थित केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाइएन) का एक संस्थान होगा।

राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम (एनपीसीसी) इस परियोजना की प्रबंधन कंपनी है। निर्माण के पहले चरण के लिए 31 मार्च 2009 को सीसीआरवाइएन और एनपीसीसी के अधिकारियों ने आपसी सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। वर्ष 2012 में पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा हुआ। जून 2019 में पूरा करने के लक्ष्य के साथ 30 अगस्त 2016 को निर्माण के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। इस परियोजना के लिए आवंटित 59.67 करोड़ रुपए में से 56.35 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। कोविड महामारी और फंड की कमी के कारण निर्माण कार्य बाधित हुई है। मंत्रालय की प्राथमिकता है कि संस्थान को जल्द से जल्द क्रियाशील बनाया जाए।

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