दो साल पहले लद्दाख में झड़प के बाद चीन के साथ रिश्तों में तनाव से जुड़े सवाल पर जयशंकर ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है और सैनिकों की नजदीकी स्थिति के कारण यह खतरनाक हो सकती है। हमारी कमांडर-स्तरीय वार्ता के 15 दौर हो चुके हैं और हमने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब उन जगहों से पीछे हटने के मामले में पर्याप्त प्रगति की है, जहां वे बहुत करीब थे। लेकिन, अभी भी कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां वे अभी पीछे नहीं हटे हैं। अभी भी कुछ मुद्दे और मसलें हैं, जिस पर बातचीत होनी है।
जयशंकर ने कहा कि मैंने 2020 और 2021 में कहा है और 2022 में भी कह रहा हूं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं। यदि सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं है तो यह (संबंध) सामान्य नहीं रह सकते और सीमा की स्थिति अभी सामान्य नहीं है।
बीआरआइ क्षेत्रीय संप्रभुता, अखंडता का उल्लंघन
चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ड एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के बारे में उन्होंने कहा कि हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है। तथ्य यह है कि तीसरा देश दूसरे देश के कब्जे वाले संप्रभु भारतीय क्षेत्र में काम कर रहा है।
वैश्विक परिस्थितियों से बढ़ी चुनौती
जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न अस्थिरता ने निवेश के माहौल को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। पत्रकारों से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि चुनौतियां आती रहती हैं। दुनिया में अस्थिरता है और इसने तनाव बढ़ा दिया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बन गया है। मोदी सरकार आत्मविश्वास के साथ चुनौती का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने कुछ हद तक व्यापार को प्रभावित किया है, जिससे ऊर्जा की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, खाद्य मुद्रास्फीति और सूरजमुखी के तेल के आयात को प्रभावित कर रही है।
जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न अस्थिरता ने निवेश के माहौल को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। पत्रकारों से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि चुनौतियां आती रहती हैं। दुनिया में अस्थिरता है और इसने तनाव बढ़ा दिया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बन गया है। मोदी सरकार आत्मविश्वास के साथ चुनौती का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने कुछ हद तक व्यापार को प्रभावित किया है, जिससे ऊर्जा की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, खाद्य मुद्रास्फीति और सूरजमुखी के तेल के आयात को प्रभावित कर रही है।
रोजगार सृजित करने पर काम कर रही है मोदी सरकार
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार रोजगार सृजित करने वालों को मजबूती देने के लिए काम कर रही है, ताकि देश में अधिक नौकरियां पैदा हों। यहां कारोबारी समुदाय से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि देश में उद्यमों का विकास हुआ है। लेकिन, आपूर्ति श्रृंखला की वृद्धि थोड़ी धीमी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों को देखना दिलचस्प है, हमारी जीडीपी की विकास दर हमारे रोजगार वृद्धि से मेल नहीं खाती है क्योंकि बिना आपूर्ति श्रृंखला के भारत में कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। हमने अपने एमएसएमई की देखभाल नहीं की।
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार रोजगार सृजित करने वालों को मजबूती देने के लिए काम कर रही है, ताकि देश में अधिक नौकरियां पैदा हों। यहां कारोबारी समुदाय से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि देश में उद्यमों का विकास हुआ है। लेकिन, आपूर्ति श्रृंखला की वृद्धि थोड़ी धीमी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों को देखना दिलचस्प है, हमारी जीडीपी की विकास दर हमारे रोजगार वृद्धि से मेल नहीं खाती है क्योंकि बिना आपूर्ति श्रृंखला के भारत में कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। हमने अपने एमएसएमई की देखभाल नहीं की।
लिथुआनिया के संसदीय दल से मिले विदेश मंत्री
जयशंकर ने यहां लिथुआनिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मायकोलास मजौस्कस ने उन्हें हिस्ट्री आफ लिथुआनिया नामक पुस्तक भी भेंट की।