बेंगलूरु.
मैसूरु के कई झीलों में प्रवासी पक्षियों (Mifratory bird) के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को लिंगमबुद्धि झील में 15 नॉर्दन शॉवलर (Northern Shoveler) पक्षियों का शव मिला। कुक्करहल्ली झील (Kukkarahalli Lake) में 25 अक्टूबर को प्रवासी पक्षी स्पॉट बिल्ड पेलिकन (spot billed pelican) की मौत हो गई। मंड्या के कोक्करे बेल्लूर पक्षी अभयारण्य में भी पेलिकनों की मौत हुई।
गत एक माह में 55 से भी ज्यादा ऐसे पक्षियों की मौत हो चुकी है। पहले बर्ड फ्लू (Bird flu) की आशंका थी। लेकिन जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। मृत पक्षियों के आंत में कीड़े मिले। जिसे मौत का कारण बताया गया। ऐसे में वन्यजीव प्रेमियों ने झीलों में प्रदूषण को मौत का कारण बताया है। सरकार से सफाई की मांग की है।
उप वन संरक्षक केसी. प्रशांत कुमार ने बताया कि मृत पक्षियों के नमूने जांच के लिए बेंगलूरु के हेब्बाल स्थित पशु चिकित्सा और पशु स्वास्थ्य संस्थान भेजे गए हैं। एक सप्ताह में रिपोर्ट आने की संभावना है। कर्नाटक प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से झील और पानी की जांच करेगा। वैसे वन विभाग अपने स्तर पर जांच कर रहा है।
वन्यजीव फोटोग्राफर मधुसूदन के अनुसार झीलों का ठीक से प्रबंधन नहीं किया जा रहा है। लोग प्लास्टिक, कचरा और मृत जानवर तक फेंक कर चले जाते हैं। सर्दी शुरू होते ही हिमालय, साइबेरिया और उत्तर एशिया सहित कई देशों से पक्षी यहां पहुंचते हैं। इन पक्षियों के दीदार के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक मैसूरु आते हैं। ये पक्षी झीलों पर निर्भर होते हैं। लेकिन झीलों की हालत ठीक नहीं है। पानी के ऊपर जहरीले सफेद झाग झीलों के प्रदूषित होने की गवाही दे रहे हैं।