scriptजब 21 दिन में ट्रायल पूरा नहीं हो सकता तो सजा कैसे दी जाएगी | Not easy to finish trial in 21 days: Hegde | Patrika News

जब 21 दिन में ट्रायल पूरा नहीं हो सकता तो सजा कैसे दी जाएगी

locationबैंगलोरPublished: Dec 15, 2019 11:38:16 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

आंध्र प्रदेश विधानसभा से पारित दिशा विधेयक 2019 पर बोले-पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एन संतोष

जब 21 दिन में ट्रायल पूरा नहीं हो सकता तो सजा कैसे दी जाएगी

जब 21 दिन में ट्रायल पूरा नहीं हो सकता तो सजा कैसे दी जाएगी

बेंगलूरु.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एन.संतोष हेगड़े ने आंध्रप्रदेश के उस कानून की आलोचना की है जिसके तहत बलात्कार और सामूहिक बलात्कार करने वाले अपराधियों को 21 दिन के अंदर ट्रायल पूरा करके मौत की सजा दी जा सकेगी।
दरअसल, आंध्र प्रदेश विधानसभा ने दिशा बिल 2019 (आंध्र प्रदेश आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2019) पारित कर दिया है। अब ऐसे मामलों में जहां संज्ञान लेने लायक साक्ष्य उपलब्ध हों, उसकी जांच 7 दिनों में और ट्रायल 14 कार्यदिवस में पूरा करना होगा। जस्टिस हेगड़े ने कहा कि त्वरित न्याय की जरूरत है मगर, इस सीमित अवधि में जांच पूरा करना संभव नहीं है। जब संदिग्ध को पकडऩा, साक्ष्य जुटाना, आरोप पत्र दायर करना आसान नहीं है तो 21 दिन के भीतर सजा कैसे दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद की पुलिस ने 26 साल के एक पशु चिकित्सक के चार संदिग्धों को एनकाउंटर में मार गिराया और देश भर में लोगों ने इसका समर्थन किया। लेकिन, पुलिस को इस तरह एनकाउंटर करने का साहस आया कहां से। उन्होंने कहा कि देश की न्याय प्रणाली ऐसी है कि इसमें काफी देर हो रही है। इसमें बदलाव की जरूरत है। देश की न्याय व्यवस्था के प्रति लोगों के मन में सम्मान जगाने के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करना होगा।
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