हालांकि खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को कोई भी मजबूर न हो इसके लिए बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) ने शहर में आठ नए रैन बसेरे बनाने की योजना बनाई है। मौजूदा समय में सिर्फ नौ रैन बसेरे है जिसमें करीब 250 लोगों के रहने की व्यवस्था है।
वहीं बीबीएमपी और विभिन्न संगठनों ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि शहर में करीब 70 रैन बसेरों की जरूरत है। रैन बसेरा नहीं रहने के कारण कई लोग मजबूरी में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ, खाली मैदानों और सड़क पर सोने को मजबूर होते हैं। ऐसे लोगों को रात गुजारने के लिए समुचित व्यवस्था करने की पहल के तहत बीबीएमपी ने रैन बसेरों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है।
बीबीएमपी ने हाल ही में कुछ स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर एक सर्वेक्षण किया था, जिसमें रात में फुटपाथ या सड़क या अन्य खुली जगहों पर सो रहे लोगों की जानकारी जुटाई गई थी। बीबीएमपी के विशेष आयुक्त (कल्याण एवं बाजार) एसजी रवीन्द्र के अनुसार सर्वेक्षण के दौरान लोगों से उनके पहचान पत्र के बारे में भी पूछा गया।
अब ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी कि अगर उन्हें कोई बीमारी है तो उसका उपचार कराया जा सके। बीबीएमपी ने सर्वेक्षण के बाद अब रैन बसेरों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है।
इसके तहत अगले चरण में आठ नए रैन बसेरे बनाने की योजना है। बीबीएमपी आयुक्त बीएच अनिल कुमार के अनुसार शहर में पर्याप्त संख्या में रैन बसेरों के निर्माण के लिए राज्य सरकार को भूमि उपलब्ध कराने कहा गया है। अगर सरकार की ओर से जल्द भूमि का निर्धारण करा दिया जाता है तो सभी 70 रैन बसेरों के निर्माण की योजना बनाई जाएगी।