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बैंगलोर

दया का गुण हर किसी के पास नहीं-साध्वी भव्यगुणाश्री

टी.दासरहल्ली में धर्मसभा का आयोजन

बैंगलोरNov 30, 2022 / 07:44 pm

Yogesh Sharma

दया का गुण हर किसी के पास नहीं-साध्वी भव्यगुणाश्री

दया का गुण हर किसी के पास नहीं-साध्वी भव्यगुणाश्री

बेंगलूरु. मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेताम्बर संघ टी.दासरहल्ली में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि दया एक पुण्य है जो शायद ही इन दिनों कभी देखी जाती है। लोग इन दिनों अपने आप में इतने व्यस्त हैं कि वे अपनी जरूरतों और इच्छाओं को पूरी करते हैं और दूसरों की प्राय: अनदेखी करते हैं। दूसरों के प्रति दयालु होना बड़ा मुश्किल सवाल बन गया है। दया दूसरों की ओर विनम्र और विचारशील होने का गुण है। यह एक ऐसा गुण है जो हर किसी के पास नहीं है। इस दुनिया में बहुत कम लोगों को ऐसे गुण से नवाजा गया है और उनकी उपस्थिति उनके चारों ओर के लोगों के लिए एक वरदान है। दूसरों के प्रति दया दिखाने का मतलब जरूरी नहीं है कि उनके लिए कुछ बड़ा करना। यह विनम्र होने और या किसी को भावनात्मक समर्थन देने के रूप में छोटे से योगदान के रूप में कुछ भी हो सकता है।
जैसे उस बूढ़ी औरत को मुस्कुराहट देना जो अपनी बालकनी में अकेले बैठकर लोगों को आता जाता देखती है या किसी चिडिया को रोटी का छोटा सा टुकड़ा देना जो आपकी छत पर हर दिन आकर चहचहाट करती है। दयालुता के इस तरह के कृत्यों में ज्यादा मेहनत नहीं लगती है, दूसरे लोगों के प्रति दयालु होकर हम न केवल उनकी मदद करते हैं बल्कि उनके चेहरे पर मुस्कुराहट भी लाते हैं जिससे वे अपने दिल से अच्छा महसूस करते हैं। यह संतोष की भावना देता है। उन्होंने कहा कि आपको आसपास के लोगों को सहायता प्रदान करने और उनसे अच्छा व्यवहार करने के लिए करोड़पति होने की जरूरत नहीं है।
इन सबके लिए आपके पास सिर्फ अच्छे दिल की जरूरत है। हम में से हर एक के पास दुनिया को देने के लिए कुछ है। हमें यह समझना होगा कि यह क्या है। इसके अलावा हमें अपने आस-पास के लोगों के प्रति दयालु होना चाहिए। यदि प्रकृति ने आपको बहुत अच्छा जीवन देकर दयालुता दिखाई है तो आपको भी अपने आसपास के लोगों की मदद कर दयालुता दिखानी चाहिए ताकि आप भी उनके अच्छे जीवन का निर्माण कर सकें। यह कहना सही होगा कि यदि आप अच्छा धन कमाते हैं तो आपको दान में अपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा देना चाहिए। यदि आप पढ़ाई में अच्छे हैं और आपके साथी किसी भी तरह की सहायता के लिए आपके पास आते हैं तो आपको अपने साथी छात्रों की मदद करने में संकोच नहीं करना चाहिए। अगर आप शारीरिक रूप से सक्षम है तो उन लोगों की सहायता करें जो सक्षम नहीं हैं। कल्पना कीजिए कि हम में से हर किसी के पास अगर यह गुण हो और हर किसी के प्रति हम दयालु हो तो यह दुनिया जीने के लिए एक बेहतर जगह बन जाएगी।
गौतमचंद लूणिया ने बताया साध्वी की सेवा में चेतन प्रकाश झारमूथा, राकेश दांतेवाडिय़ा, संपत सनोडिया, रंजीत भंसाली, कमल दक, ज्ञानचंद कटारिया सोनू छाजेड़, मनोज जैन उपस्थित रहे। साध्वी गुरुवार सुबह यशवंतपुर के सुमतिनाथ जैन संघ पहुंचेगी। शुक्रवार तक प्रवास की संभावना है।

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