दरअसल सर्दी, बुखार, गले में खराश व सांस लेने में समस्या होते ही लोगों में पहले से ही पैरासिटामोल की गोलियां लेने की प्रवृत्ती है। गोलियां लेने के बाद कुछ दिनों तक मरीज को आराम मिल जाता है। लेकिन मरीज के कोरोना वायरस संक्रमित होने की स्थिति में ऐसे मामले देर से संज्ञान में आ रहे हैं।
औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार दवा विक्रेताओं को पैरासिटामोल की मांग करने वाले लोगों के नाम, पता, चिकित्सक व मोबाइल नंबर की जानकारी रखनी होगी। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम 1940 (Drugs and Cosmetics Act 1940) के तहत कार्रवाई होगी। दवा विक्रेताओं के लिए कोरोना वायरस के लक्षणों के साथ आने वाले लोगों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य किया गया है।