बैंगलोर

धर्म के अतिरिक्त कुछ भी शरण योग्य नहीं: समकित मुनि

शूले स्थानक में प्रवचन

बैंगलोरOct 19, 2020 / 04:16 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. अशोकनगर शूले जैन स्थानक में विराजित डॉ.समकित मुनि ने कहा कि केशी श्रमण जिज्ञासा करते हैं कि जल सागर में जन्म -मरण के वेग से डूबते प्राणी का सहारा कौन है तो गौतम स्वामी समाधान देते हैं कि संसार सागर में डूबते प्राणी को बचाने के लिए धर्म रूपी द्वीप उत्तम शरण है। विवेकवान धर्म की शरण स्वीकार करता है। धर्म के अतिरिक्त अन्य कोई ऐसी वस्तु नहीं जो शरण योग्य है। धर्म ऐसा द्वीप है जो भवसागर में डूबने से बचाता है।
भोग सामग्री का मिलना, सुख साधन, देवलोक सरीखी समृद्धि मिलना और अनुकूल रिश्ते नाते मिलना यह कोई बड़ी बात नहीं है, परंतु एक मात्र धर्म का मिलना दुर्लभ है। चक्की में पिसने से वह बच जाता है जो धर्म रूपी कील का सहारा ले लेता है। धर्म रूपी द्वीप के आश्रय लेने से डूबने से बच सकते हैं।
मुनि ने कहा कि अहिंसा संयम तप रूपी धर्म को पाकर मुक्ति की चाह होनी चाहिए न कि संसार के बंधनों की। प्राणी धर्म तो करता है लेकिन इच्छा संसार की करता है। धर्म करने से सभी सांसारिक सुख स्वयं ही उपलब्ध हो जाते हैं परंतु धर्म से सांसारिक बंधनों की कामना करना सही नहीं। धर्म डूबने के लिए नहीं पार होने के लिए है। संघ के प्रचार-प्रसार चेयरमैन प्रेमकुमार कोठारी ने बताया कि मुनि द्वारा मुनि सुमति प्रकाश के 82 वां जन्मोत्सव पर आयंबिल करने की प्रेरणा दी गई। संचालन संघ मंत्री मनोहरलाल बंब ने किया।

Home / Bangalore / धर्म के अतिरिक्त कुछ भी शरण योग्य नहीं: समकित मुनि

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.