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कर्नाटक में चार केएएस अधिकारियों समेत 11 को नोटिस, जानिए क्या है मामला

locationबैंगलोरPublished: Dec 24, 2020 05:41:11 pm

सात लोग निलम्बित

बेंगलूरु. बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (bda) में हुए भ्रष्टाचार के एक मामले में ११ लोगों को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं और 7 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी के भूखंड आवंटन में करीब 140 करोड़ रुपए का घोटाला करने के मामले में शामिल होने का अंदेशा है। आरोप है कि होसकेरेहल्ली के झोंपड़ पट्टी क्षेत्र में बसे परिवारों के पुनर्वास के लिए निर्धारित भूखंड असंबंधित लोगों को ऊंचे दामों पर बेच दिए गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीडीए के आयुक्त एच.आर.महादेव ने बीडीए में उप सचिव रह चुके चार केएएस अधिकारियों समेत 11 लोगों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगे हैं। इनमें आय से अधिक संपत्ति रखने केे आरोप में निलंबित जैव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रशासक डॉ. बी.सुधा, चिकबल्लापुर शहर विकास प्राधिकरण के आयुक्त भास्कर, कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड के विशेष भूमि अधिग्रहित अधिकारी अनिल कुमार और बीडीए के उप सचिव-1 चिदानंद शामिल हैं। इन चारों के कार्यकाल में ही भूखंड दिए गए थे।
इसके अलावा उप सचिव-1 के दफ्तर में पर्यवेक्षक केएम रविशंकर, विशेष केस वर्कर संजय कुमार, उप सचिव-3 के दफ्तर की पर्यवेक्षक एम.वी कमला को जाली दस्तावेज तैयार करने के आरोप में निलंबित किया गया है। दस्तावेज विभाग में द्वितीय श्रेणी लिपिक मुनि बच्चेगौड़ा और काडुगोडी में जाली दस्तावेज बनाकर भूखंड देने के आरोप में निलंबित वेंकटरमन को नोटिस जारी किया है।
आयुक्त एच.आर.महादेन ने बीडीए को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाने पर ग्यारह लोगों के खिलाफ 1976 के बीडीए अधिनियम 50 और 1957 के नागरिक सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम के तहत कार्रवाई करनेे के लिए नोटिस जारी किए हैं।
मामला क्या है

बनशंकरी तीसरे स्टेज में होसकेरेहल्ली के झौंपड़ पट्टी क्षेत्र में रहने वाले 541 लोगों को वहां से विस्थापित कर दूसरी जगहों पर भूखंड देने का आदेश जारी हुआ था। साल 2005 में 20 गुणा 30 के 238 भूखंड दिए गए थे। फिर सर्वेक्षण होने पर पता चला कि 180 लोगों को भूखंड नहीं दिए गए। 31 अगस्त 2018 को बीडीए ने 180 लोगों को देने का फैसला किया।
नागदेवनहल्ली, नागरभावी, एच.बी.आर ले आउट, बीटीएम ले आउट में भूखंड दिए गए। फिर भी 44 लाभार्थियों को भूखंड नहीं मिलने की शिकायत की गई। बीडीए के सतर्कता दल ने जांच करने पर 180 लाभार्थियों की सूची मेंं 32 लोगों का नाम नहीं होने के बावजूद भूखंड देने का पता चला।
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