शहर की आबादी के अनुपात में होंगे सफाईकर्मी: आयुक्त
-हटाए जाएंगे फर्जी सफाई कर्मचारी
बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के आयुक्त एन.मंजुनाथ प्रसाद ने कहा कि बोगस सफाई कर्मचारियों को हटाया किया जाएगा।
उन्होंने बुधवार को कहा कि पालिका के 44,000 सफाई कर्मचारी हैं। कचरा ठेकदार कई साल से पालिका को धोखा देकर करोड़ों रुपए ले रहे थे। गत वर्ष दिसंबर में 44 हजार सफाई कर्मचारियों का विवरण दिया था। हर वार्ड में इतनी संख्या में सफाई कर्मचारी दिखाई नहीं देते थे इसलिए बायोमीट्रिक व्यवस्था लागू की गई थी। जिसमे केवल 18,300 सफाई कर्मचारियों के ही उंगलियों के निशान हैं। इसलिए इन बोगस कर्मचारियों को सेवा से हटाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक पालिका को कई करोड़ रुपयों का चूना लगाने वाले ठेकेदारों को काली सूची में डाल कर लूटी गई रकम वसूली जाएगी। रकम नहीं मिली तो उनकी सपंत्ति जब्त कर नीलामी की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक साल में तीन हजार से अधिक सफाई कर्मचारी नियुक्त हुए थे। चिंता की बात यह है कि पालिका के पास खुद सही सफाई कर्मचारियों की संख्या का विवरण नहीं था।
उन्होंने कहा कि पालिका के अधिकारी 44 हजार सफाई कर्मचारियों को वेतन देते थे। बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू होने से पहले की संख्या मालूम करने के लिए सर्वेक्षण कराया गया। ठेकेदारों ने यह संख्या 44,121 बताई थी। कर्मचारियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए सभी सफाई कर्मचारियों के वास्तविक पता और आधार कार्ड का विवरण देने के निर्देश दिए गए थे। 30,252 कर्मचारी बोगस निकलेे। उन्होंने कहा कि अब बेंगलूरु की जनसंख्या के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। बोगस कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा।
-हटाए जाएंगे फर्जी सफाई कर्मचारी
बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के आयुक्त एन.मंजुनाथ प्रसाद ने कहा कि बोगस सफाई कर्मचारियों को हटाया किया जाएगा।
उन्होंने बुधवार को कहा कि पालिका के 44,000 सफाई कर्मचारी हैं। कचरा ठेकदार कई साल से पालिका को धोखा देकर करोड़ों रुपए ले रहे थे। गत वर्ष दिसंबर में 44 हजार सफाई कर्मचारियों का विवरण दिया था। हर वार्ड में इतनी संख्या में सफाई कर्मचारी दिखाई नहीं देते थे इसलिए बायोमीट्रिक व्यवस्था लागू की गई थी। जिसमे केवल 18,300 सफाई कर्मचारियों के ही उंगलियों के निशान हैं। इसलिए इन बोगस कर्मचारियों को सेवा से हटाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक पालिका को कई करोड़ रुपयों का चूना लगाने वाले ठेकेदारों को काली सूची में डाल कर लूटी गई रकम वसूली जाएगी। रकम नहीं मिली तो उनकी सपंत्ति जब्त कर नीलामी की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक साल में तीन हजार से अधिक सफाई कर्मचारी नियुक्त हुए थे। चिंता की बात यह है कि पालिका के पास खुद सही सफाई कर्मचारियों की संख्या का विवरण नहीं था।
उन्होंने कहा कि पालिका के अधिकारी 44 हजार सफाई कर्मचारियों को वेतन देते थे। बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू होने से पहले की संख्या मालूम करने के लिए सर्वेक्षण कराया गया। ठेकेदारों ने यह संख्या 44,121 बताई थी। कर्मचारियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए सभी सफाई कर्मचारियों के वास्तविक पता और आधार कार्ड का विवरण देने के निर्देश दिए गए थे। 30,252 कर्मचारी बोगस निकलेे। उन्होंने कहा कि अब बेंगलूरु की जनसंख्या के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। बोगस कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा।