गौरतलब है कि पिछले साल नवम्बर में सिद्धरामय्या ने जनता से सीधे संवाद करने के लिए सिद्धरामय्या ऐप लांच किया था। इस ऐप की जिम्मेदारी राज्य सरकार के सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस के पास है। एक लाख से अधिक लोगों ने इस ऐप को डाउनलोड किया है। गौरतलब है कि विवाद होने के बाद कांग्रेस ने अपने ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया है जबकि नमो ऐप में भी बदलाव किया गया है। भाजपा ने कांग्रेस पर ऐप के डाटा सिंगापुर के सर्वर पर भेजने का आरोप लगाया था। हालांकि, कांग्रेस का कहना है उसका ऐप पुराना हो चुका था और सक्रिय नहीं था।