scriptनेताओं के अलग-अलग सुर, उलझन में कांग्रेस, अब दिल्ली में होगा फैसला | Now congress high command will decide LoP in karnataka | Patrika News

नेताओं के अलग-अलग सुर, उलझन में कांग्रेस, अब दिल्ली में होगा फैसला

locationबैंगलोरPublished: Oct 06, 2019 11:23:09 pm

Submitted by:

Jeevendra Jha

Congress Crisis in karnataka : विधानमंडल के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने एक होटल में वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।

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बेंगलूरु. दो महीने पहले राज्य में सत्ता खो चुकी कांग्रेस के लिए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का चयन परेशानी का सबब बना हुआ है। प्रदेश संगठन में गुटबाजी, नेताओं में मनमुटाव और कई दावेदार होने के कारण पार्टी अब किसी नतीजे पर पहुंचने से विधायकों और नेताओं की राय एकत्र कर रही है। लेकिन, कई नेताओं के अलग-अलग सुर के कारण पार्टी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। विधानमंडल के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने एक होटल में वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।

मिस्त्री से मुलाकात के बाद इस पद के दावेदार पूर्व मंत्री एच के पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने हर नेता से अलग-अलग राय ली है। वे प्रदेश के पार्टी प्रभारी रह चुके हैं और यहां की स्थिति से भी वाकिफ हैं। वे सब की राय जानने के बाद पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट देंगे। पाटिल ने कहा कि आलाकमान का जो भी निर्णय होगा वह सभी के लिए मान्य होगा। मुनियप्पा ने मिस्त्री से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने पार्टी के हित में सुझाव दिए। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के पुराने नेताओं को महत्व दिया जाना चाहिए, मुनियप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या पर परोक्ष रूप से तंज करते हुए कहा कि वे इसके बारे में कैसे कह सकते हैं जब पार्टी में नए आए व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया जाता है। मुनियप्पा पहले भी लोकसभा चुनाव में अपनी हार को लेकर सिद्धरामय्या के खिलाफ मुखर रहे हैं। पिछले सप्ताह पार्टी नेताओं की बैठक में भी मुनियप्पा ने सिद्धरामय्या और प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव की कार्यशैली से सवाल उठाया था।

उधर, पूर्व मंत्री आर. रामलिंगा रेड्डी ने मिस्त्री से मुलाकात के बाद कहा कि लोकसभा चुनाव में राज्य में पार्टी को सिर्फ एक सीट मिली। इससे साफ है कि राज्य में पार्टी की स्थिति खराब है और इससे सुधारने के लिए संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की जरुरत है। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने पार्टी हित में अपने सुझाव दिए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि मिस्त्री के दिल्ली लौटने के बाद आलाकमान विधानसभा में विपक्ष के नेता पद को लेकर निर्णय करेगा। हालांकि, विधानसभा की तुलना में विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद के दावेदार कम होने के कारण पार्टी में ज्यादा समस्या नहीं है।
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