इसके लिए उपभोक्ता को निकटतम क्षेत्र से ढुलाई सुनिश्चित की जाएगी। ढुलाई के खर्चे का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।ऑनलाइन पर आवश्यक बजरी की मात्रा तथा इस बजरी की आपूर्ति का स्थान चिन्हित करना होगा।बजरी के शुल्क का ऑनलाइन पर भुगतान होते ही यह बजरी उपभोक्ताओं की ओर से पंजीकृत पत्ते पर पहुंच जाएगी। राज्य के सभी जिलों में यह योजना शुरु की जा रही है।विभाग के प्रमुख सचिव महेश्वर राव के मुताबिक विभाग की ओर से इसके लिए विशेष एप जारी किया गया है। इस एप पर ही उपभोक्ता को बजरी के ब्लॉक कहां पर उपलब्ध है इसकी जानकारी उपलब्ध होगी।
इनमे से उपभोक्ता निकटतम ब्लॉक से बजरी खरीद सकते है।चिन्हित ब्लॉक से उपभोक्ताओं तक बजरी की ढुलाई के लिए राज्य लॉरी मालिक संघ का भी सहयोग लिया जाएगा।उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर बजरी उपलब्ध कराना तथा इस कारोबार में कालाबाजारी पर अंकुश लगाना इस नई बजरी नीति का लक्ष्य है।