मामले की जांच सीआइडी को दी गई थी। अजमतुन्निसा ने साल 2011 में स्टील की दुकान के लिए वाणिज्य कर विभाग में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया। दंपती ने 5.3 करोड़ रुपए की स्टील खरीदा। इस पर दंपती को वैट के रूप में 25.24 लाख रुपए का भुगतान करना था, लेकिन उन्होंने बचने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर विभाग को धोखा दिया। दंपती के खिलाफ कलासीपाल्या थाने में 2012 में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
गौर हो कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से ऐसे कई काराेबारियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिन्होंने फर्जी बिल और फर्जी संस्थाओं के माध्यम से सरकार का करोड़ों रुपए की चपत लगाई।