इस बीच प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि राज्य में एनआरसी की जरूरत नहीं है। अगर राज्य में कोई अवैध रूप से रह रहा है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए पुलिस प्रशासन है। एनआरसी एक ऐसा कदम है जिस पर करोड़ों रुपए बेवजह खर्च होंगे। दूसरी तरफ, समाज के एक वर्ग में भय का वातावरण बनेगा कि कहीं जानबूझकर उनके खिलाफ अन्याय हो सकता है।
जनता दल एस के प्रदेश उपाध्यक्ष सफीउल्ला ने कहा कि एनआरसी कराने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मसला यह है कि अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को ढूंढने में अपने लोगों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। अगर कोई घुसपैठिया है तो उसे निकाला जाना चाहिए लेकिन इसके लिए नागरिकों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए।