scriptWatch Video : असम के बाद अब कर्नाटक में छिड़ी भारतीय बनाम बाहरी को लेकर बहस,क्या कह रहे हैं विपक्षी नेता | now indian Vs illegal immigrants debate in karnataka | Patrika News

Watch Video : असम के बाद अब कर्नाटक में छिड़ी भारतीय बनाम बाहरी को लेकर बहस,क्या कह रहे हैं विपक्षी नेता

locationबैंगलोरPublished: Oct 03, 2019 08:10:50 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

राज्य के गृह मंत्री बोले, सीमा पार से बहुत लोग आकर यहां बसे हैं, जल्द फैसला लेंगे
विपक्ष बोला, घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार

Watch Video : असम के बाद अब कर्नाटक में छिड़ी भारतीय बनाम बाहरी को लेकर बहस,क्या कह रहे हैं विपक्षी नेता

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बेंगलूरु. अवैध प्रवासियों illegal immigrants की पहचान के लिए असम Assam में NRC राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) National Register of Citizens of India लागू होने के महीने भर बाद भाजपा शासित कर्नाटक भी एनआरसी लागू करने पर विचार कर रहा है। राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई basavaraj bommai ने यहां गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि सरकार यहां अवैध रूप से रह रहे नागरिकों की पहचान के लिए एनआरसी की शुरुआत करेगी।
उन्होंने कहा कि सीमा पार से बहुत सारे लोग आकर यहां बस गए हैं। इसलिए सभी जानकारी एकत्र की जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह साथ चर्चा के बाद इसपर फैसला किया जाएगा। बोम्मई ने हावेरी में एक दिन पहले कहा था कि राज्य में एनआरसी लागू करने को लेकर दो बैठकें हुई हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से कानून का अध्ययन करने को कहा गया है। बेंगलूरु और राज्य के अन्य बड़े शहरों में सीमापार से लोग आए हैं जो अपराध में लिप्त हैं। उनमें से कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है।
इससे पहले जब भाजपा विपक्ष में थी तब भी बेंगलूरु में बांग्लादेशी प्रवासियों की बढ़ती संख्या के खिलाफ आवाज उठाती रही है। बोम्मई ने कहा कि एनआरसी पर एक स्पष्ट निर्णय इसी सप्ताह किया जाएगा। उनका यह बयान गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा था कि एनआरसी पूरे देश में लागू की जाएगी और सभी अवैध प्रवासियों को कानूनी तरीके से देश से बाहर निकाला जाएगा।

एनआरसी जरूरी नहीं: ईश्वर खंड्रे
इस बीच प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि राज्य में एनआरसी की जरूरत नहीं है। अगर राज्य में कोई अवैध रूप से रह रहा है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए पुलिस प्रशासन है। एनआरसी एक ऐसा कदम है जिस पर करोड़ों रुपए बेवजह खर्च होंगे। दूसरी तरफ, समाज के एक वर्ग में भय का वातावरण बनेगा कि कहीं जानबूझकर उनके खिलाफ अन्याय हो सकता है।

अपनों को तकलीफ ना हो: सफीउल्ला
जनता दल एस के प्रदेश उपाध्यक्ष सफीउल्ला ने कहा कि एनआरसी कराने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मसला यह है कि अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को ढूंढने में अपने लोगों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। अगर कोई घुसपैठिया है तो उसे निकाला जाना चाहिए लेकिन इसके लिए नागरिकों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए।
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