शिक्षकों की समस्याएं हल करने अगले सप्ताह बैठक होगी : महेश
बेंगलूरु. प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एन. महेश ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से अगले सप्ताह शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की बैठक होगी।
उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि प्राथमिक एवं हाई स्कूलों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की अध्यक्षता में उच्च स्तर की बैठक हुई, जिसमें शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं और उनकी मांगों को पूरा करने पर चिवार विमर्श किया गया। सबसे पहले जिन सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक हैं, उनका तबादला होगा। सभी शिक्षकों को जिले के अंतर्गत ही तबादला करने का फैसला लिया गया है।
तबादलों से बच्चों की शिक्षा पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं होने के उद्देश्य से आवश्यक कदम उठाए गए हैं। अगर पत्नी और पति दोनों सरकारी कर्मचारी हैं, तो उन्हें एक ही जगह पर काम करने का अवसर दिया जाएगा। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। वहां अतिथि शिक्षकों की नियुक्तिकी जा रही है। उन्हें हर माह 6200 रुपए वेतन दिया जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्त का अधिकार हर स्कूल के प्रधानाध्यापक को दिया गया है। इसकी सूचना क्षेत्रीय शिक्षाधिकारी को देनी होगी।
उन्होंने कहा कि इसी साल से सरकार ने सरकारी स्कूलों में मौलाना आजाद अल्पसंख्यक स्कूलों को आरंभ किया है। जहां पहली से दसवीं कक्षा तक शिक्षा का अवसर उपलब्ध होगा। वहां पहली कक्षा से ही अंग्रेजी में शिक्षा होगी। दूसरी भाषा कन्नड़ और तीसरी भाषा का चयन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस साल चुनाव होने के कारण कई शिक्षकों का तबादला नहीं हो सका। अगले वर्ष शैक्षणिक वर्ष आरंभ होने से पहले तबादला होगा। जिन स्कूलों में शिक्षक पांच साल से अधिक समय से कार्यरत हैं, उनका भी तबादला होगा। शहरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को ग्रामीण स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। ग्रामीण स्कूलों के शिक्षकों का तबादला शहरी स्कूलों के लिए होगा। हर कक्षा में 20 छात्रों पर एक शिक्षक को नियुक्त करने का विचार है। फिलहाल यह अनुपात 30 छात्रों पर एक शिक्षक का है। शिक्षकों पर केवल शिक्षण कार्य की जिम्मेदारी दी जाएगी, उन पर मतदाता सूची तैयार करने, जनगणना और अन्य कार्यों की जिम्मेदारी नहीं होगी।
बेंगलूरु. प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एन. महेश ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से अगले सप्ताह शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की बैठक होगी।
उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि प्राथमिक एवं हाई स्कूलों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की अध्यक्षता में उच्च स्तर की बैठक हुई, जिसमें शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं और उनकी मांगों को पूरा करने पर चिवार विमर्श किया गया। सबसे पहले जिन सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक हैं, उनका तबादला होगा। सभी शिक्षकों को जिले के अंतर्गत ही तबादला करने का फैसला लिया गया है।
तबादलों से बच्चों की शिक्षा पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं होने के उद्देश्य से आवश्यक कदम उठाए गए हैं। अगर पत्नी और पति दोनों सरकारी कर्मचारी हैं, तो उन्हें एक ही जगह पर काम करने का अवसर दिया जाएगा। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। वहां अतिथि शिक्षकों की नियुक्तिकी जा रही है। उन्हें हर माह 6200 रुपए वेतन दिया जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्त का अधिकार हर स्कूल के प्रधानाध्यापक को दिया गया है। इसकी सूचना क्षेत्रीय शिक्षाधिकारी को देनी होगी।
उन्होंने कहा कि इसी साल से सरकार ने सरकारी स्कूलों में मौलाना आजाद अल्पसंख्यक स्कूलों को आरंभ किया है। जहां पहली से दसवीं कक्षा तक शिक्षा का अवसर उपलब्ध होगा। वहां पहली कक्षा से ही अंग्रेजी में शिक्षा होगी। दूसरी भाषा कन्नड़ और तीसरी भाषा का चयन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस साल चुनाव होने के कारण कई शिक्षकों का तबादला नहीं हो सका। अगले वर्ष शैक्षणिक वर्ष आरंभ होने से पहले तबादला होगा। जिन स्कूलों में शिक्षक पांच साल से अधिक समय से कार्यरत हैं, उनका भी तबादला होगा। शहरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को ग्रामीण स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। ग्रामीण स्कूलों के शिक्षकों का तबादला शहरी स्कूलों के लिए होगा। हर कक्षा में 20 छात्रों पर एक शिक्षक को नियुक्त करने का विचार है। फिलहाल यह अनुपात 30 छात्रों पर एक शिक्षक का है। शिक्षकों पर केवल शिक्षण कार्य की जिम्मेदारी दी जाएगी, उन पर मतदाता सूची तैयार करने, जनगणना और अन्य कार्यों की जिम्मेदारी नहीं होगी।