दरअसल, केंद्रीय जेल में बंद कैदियों के लिए इस महीने के अंत तक जेल कम्युनिटी रेडियो शुरू करने की योजना है। इसके तहत कैदी की रेडियो प्रसारण का जिम्मा संभालेंगे और वही प्रस्तोता होंगे।
कर्नाटक राज्य जेल विभाग ने राज्य की जेलों में इस प्रकार के कम्युनिटी रेडियो को शुरू करने की योजना बनाई है। पहले चरण में इसे परप्पन अग्रहारा केंद्रीय जेल में शुरू किया जाएगा, यहां के अनुभव आधार पर अन्य जेलों में क्रियान्वित करने की योजना है।
परप्पन अग्रहारा केंद्रीय कारागार के मुख्य अधीक्षक वी. शेषमूर्ति के अनुसार देश के कई राज्यों की जेलों में कम्युनिटी रेडियो का संचालन होता है। जेल में कम्युनिटी रेडियो का मुख्य मकसद कैदियों को अवसाद से बाहर निकालना और उनकी छिपी प्रतिभा को उजागर करना है। इससे कैदियों को मनोरंजन का एक विकल्प भी मिलेगा और वे देश दुनिया से जुड़े रहेंगे।
जेल में कम्युनिटी रेडियो की सेवा सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के बीच होगी। इसमें कैदी भी दो से तीन घंटे तक भजन और भक्ति गीत गा सकते हैं। साथ ही, आरजे द्वारा समाचारों की प्रस्तुति और करंट अफेयर्स पर चर्चा की जा सकती है। इसके अतिरिक्त कैदियों के लिए जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी जाएंगी।
कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए प्रेरक हस्तियों की सफलता की कहानियों भी सुनाई जाएंगी। अपराध बोध से बाहर लाने का प्रयास
जेल के अधिकारी और मानसिक विशेषज्ञ मानते हैं कि जेल में आने वाला प्रत्येक बंदी अपराधी ही हो या उसने अपराध किया हो ऐसा भी नहीं कहा जा सकता और ऐसा अक्सर होता भी है।
क्योंकि आमतौर पर देखा जाता है कि कुछ लोग बाद में बाइज्जत रिहा भी होते हैं। वहीं कुछ बंदी दुर्घटनाओं के मामले में जेल में बंद होते हैं। यानी सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोग जब जेल में किसी मामले में आ जाते हैं तो उन्हें ग्लानि होने लगती है।
समाज से कटने के वह सामंजस्य नहीं बैठा पाते हैं। जिसके लिए उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। ऐसे में कम्युनिटी रेडियो से बंदियों का ध्यान बंटेगा और वो रचनात्मक गतिविधियों में ध्यान लगाएं।
कैदी ही बनेंगे रेडियो जॉकी
जेल प्रशासन के अनुसार एफएम के रेडियो जॉकी (आरजे) की एक टीम पिछले एक पखवाड़े से कैदियों को कम्युनिटी रेडियो संचालन का प्रशिक्षण दे रही है। इसमें 20 कैदियों को शामिल किया गया है, जिसमें छह महिला कैदी हैं। रेडियो प्रसारण के लिए सभी बैरकों में स्पीकर लगाए गए हैं, जिससे कैदियों को आसानी से सभी प्रसारण सुनने को मिल सकेगा।
खास बात ये है कि जेल में कैदियों के लिए जो रेडियो जॉकी की भूमिका का निर्वहन करेंगे, इच्छुक कैदियों में से ही उनका चयन किया जाएगा। सारी व्यवस्थाओं को कैदी देखेंगे। बैरक में एक माइक भी दिया जाएगा। एक रिकॉर्डिंग और म्यूजिक रूम बनाया जाएगा, जहां एक ऑपरेटर बैठेगा।