बेंगलूरु. पीएसएलवी सी-40 के बाद
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले महीने जीएसएलवी लांच करेगा। इसरो के भावी अध्यक्ष के.सिवन ने कहा कि जीएसएलवी एफ-08 का इंटीग्रेशन श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड पर चल रहा है। इससे संचार उपग्रह जीसैट-6ए का प्रक्षेपण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 का कैलेंडर काफी व्यस्त है। इसरो अगले कुछ ही महीनों में एक के बाद एक तीन मिशन दूसरे लांच पैड से छोड़ेगा जबकि पहले लांच पैड का भी इस्तेमाल होगा। फिलहाल दूसरे लांच पैड पर जीएसएलवी/जीसैट-6ए मिशन तैयारियां चल रही हैं जो काफी संतोषजनक है। संभवत: इसके बाद चंद्रयान-2 और फिर जीएसएलवी मार्क-3 का प्रक्षेपण होगा। वहीं एक अन्य उपग्रह जीसैट-11 भी प्रक्षेपण के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि दूसरे लांच पर व्हिकल एसेंबलिंग बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है जो पूरा होने के लिए अंतिम चरण में है। इसके तैयार होने से प्रक्षेपण यानों की बढ़ती आवश्यकता पूरी की जा सकेगी। वहीं एक अन्य परियोजना चल रही है जिससे पहले लांच पैड की प्रक्षेपण क्षमता 15 तक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसरो पीएसएलवी सी-40 की लांचिंग के लिए लगभग साढ़े चार महीने बाद लांच पैड पर आया। इस दौरान इस यान से जुड़ी हर एक समस्या को खत्म कर दिया गया। हर एक प्रणाली की समीक्षा की गई और अब यह यान पहले से अधिक विश्वसनीय हो गया है। पूरी इसरो टीम ने इसके लिए कड़ी मेहनत की। रॉकेट के अलावा इस मिशन पर जो उपग्रह भेजे गए हैं उनमें भी कई तरह के प्रयोग किए गए हैं और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है।
के.सिवन ने कहा कि पीएसएलवी के पिछले प्रक्षेपण में मिली नाकामी के बावजूद अंतरराष्ट्रीय ग्राहक इस लांच के लिए इसरो के पास आए यह रॉकेट की विश्वसनीयता की मिसाल है। इसरो भविष्य में भी अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों की उ मीदों को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा।