ट्रिन-ट्रिन में पंजीयन की संख्या दस हजार से ज्यादा
देश की पहली सार्वजनिक साइकिल साझेदारी व्यवस्था, पीबीएस, ट्रिन-ट्रिन को दस हजार पंजीयन का आंकड़ा छूने में तेरह माह लग गए।

मैसूरु. देश की पहली सार्वजनिक साइकिल साझेदारी व्यवस्था, पीबीएस, ट्रिन-ट्रिन को दस हजार पंजीयन का आंकड़ा छूने में तेरह माह लग गए। जून २०१७ में इसकी शुरुआत हुई थी। बीस जुलाई को पीबीएस ने दस हजार का आंकड़ा पार कर लिया।
ट्रिन- ट्रिन अपने केन्द्रों पर प्रतिमाह छह सौ पंजीयन करने में सफल हुआ है। इस व्यवस्था को लागू करने वाली एजेंसी ग्रीन व्हील राइड की प्रबंधक आशा केरकट्टी ने बताया कि शुरू के दो-तीन महीनों में परियोजना को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता थी।
धीरे-धीरे पंजीयन कराने वालों की संख्या प्रतिमाह पांच सौ पर आकर रुक गई। अभी यह चार सौ पर आकर स्थिर है। ट्रिन- ट्रिन के लिए पंजीयन कराने वालों में अधिकांश स्थानीय लोग शामिल हैं। इस सुविधा का उपयोग करने के लिए बहुत कम संख्या में पर्यटकों ने ट्रिन-ट्रिन एप के जरिये अल्प समय के लिए सदस्यता ग्रहण की है।
उन्होंने बताया कि नियमित पंजीयन कराने के लिए लोगों को टिन-ट्रिन के अर्ध शहरी बस स्टैंड, सिटी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, आरटीओ, मैसूरु जंतुआलय और मैसूरु महल केन्द्रों में से किसी पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। तीन सौ साठ रुपए भुगतान कर और आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मतदाता पहचान पत्र दिखाकर पंजीयन कराया जा सकता है। इसमें ढाई सौ रुपए वापसी शुल्क, पचास रुपए प्रक्रिया शुल्क और साठ रुपए उपयोग शुल्क के शामिल हैं। यह एक माह के लिए मान्य है।
पर्यटकों के लिए अल्प समय सदस्यता की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके तहत ट्रिन-ट्रिन एप डाउनलोड कर तथा मात्र डेढ़ सौ रुपए का भुगतान कर सदस्यता ली जा सकती है। इसके लिए उन्हें पहचान पत्र दिखाने की जरूरर नहीं है। भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिये किया जाता है, जो बैंक से केवाइसी किए होते हैं।
सवारियों की संख्या हुई १३०० से ज्यादा
पीबीएस के तहत शुक्रवार को सवारियों की संख्या १,३५२ हो गई है। कुछ माह पहले प्रतिदिन सवारियों की संख्या जहां एक हजार से कम थी, वहीं जून में यह आंकड़ा ग्यारह सौ को पार गया तथा इस माह १७ जुलाई तक बारह सौ हो गया। पिछले सप्ताह सवारियों की संख्या तेरह सौ का आंकड़ा पार गई और वर्तमान में यह संख्या १,३५२ हो गई है।
आम्बेडकर की प्रतिमा का लोकार्पण
मण्ड्या. नागमंगला तालुक पंचायत भवन परिसर में सोमवार को डा भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। दलित संघ के प्रवक्ता सुरेश ने कहा कि आम्बेडकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। पंचायत सदस्य केम्पेगौड़ा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीनिवास, नंजुंड गौड़ा, अधिकारियों व ग्रामीणों ने प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
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