दरअसल, बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कोविड-19 रोगियों की देखभाल कर करने वाली जिले के हळगा गांव की नर्स सुनंंदा पिछले 15 दिनों से घर नहीं गई। कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल में जुटे डॉक्टर, नर्स तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मी अपने घर नहीं जा रहे। सुनंदा की तीन साल की मासूम बेटी ऐश्वर्या पिछले कई दिनों से अपने मां से मिलने की जिद पर अड़ी थी। एक रात पहले उसने खाना भी खाने से इनकार कर दिया। अंतत: मां को दिखाने के लिए पिता उसे अस्पताल लाया। मां को देखते ही ऐश्वर्या आंसुओं में डूब जाती है। मां को सामने देख बेटी मां आओ…मां आओ.. की रट लगाती है। मां की आंखें भी भर आती है लेकिन सामाजिक दूरी बनाए रखने की मजबूरी ऐसी की वह कदम नहीं बढ़ा सकती। एक तरफ बेटी पुकार रही है तो दूसरी ओर मां नम आंखों से उसे घर जाने का इशारा करती है। मां और मासूम बेटी के बीच अखरने वाली यह दूरी न सिर्फ वहां खड़े लोगों को भावुक कर गई बल्कि मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहे।
सीएम येडियूरप्पा ने की बात, बढ़ाया हौसला
सीएम ने सुनंदा से बात कर सेवाओं के लिए अभार जताया। मुख्यमंत्री ने सुनंदा से फोन पर बात करते हुए कहा कि ‘आप संघर्ष कर रहे हैं। आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने बच्चों से भी नहीं मिल पा रहे हैं। हमने आपको देखा है। कृपया सहयोग कीजिए। भविष्य में आपके पास बेहतर अवसर होंगे। मुझे आपकी चिंता है। मैं आपकी देखभाल करूंगा। भगवान आपका भला करे। मुझे आशा है आपकी कड़ी मेहनत तरक्की का मार्ग प्रशस्त करेगी।Ó गौरतलब है कि सुनंदा पिछले 4 वर्षों से बेलगावी जिला अस्पताल में काम कर रही है। अस्पताल का निर्देश है कि जो भी कोरोना रोगियों की देखभाल कर रहा है वह घर नहीं जाएगा। इसलिए वह पिछले 15 दिनों से घर नहीं गई है। डॉक्टर और नर्स भी क्वारंटाइन में हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 27 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया है।
सीएम ने सुनंदा से बात कर सेवाओं के लिए अभार जताया। मुख्यमंत्री ने सुनंदा से फोन पर बात करते हुए कहा कि ‘आप संघर्ष कर रहे हैं। आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने बच्चों से भी नहीं मिल पा रहे हैं। हमने आपको देखा है। कृपया सहयोग कीजिए। भविष्य में आपके पास बेहतर अवसर होंगे। मुझे आपकी चिंता है। मैं आपकी देखभाल करूंगा। भगवान आपका भला करे। मुझे आशा है आपकी कड़ी मेहनत तरक्की का मार्ग प्रशस्त करेगी।Ó गौरतलब है कि सुनंदा पिछले 4 वर्षों से बेलगावी जिला अस्पताल में काम कर रही है। अस्पताल का निर्देश है कि जो भी कोरोना रोगियों की देखभाल कर रहा है वह घर नहीं जाएगा। इसलिए वह पिछले 15 दिनों से घर नहीं गई है। डॉक्टर और नर्स भी क्वारंटाइन में हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 27 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया है।