मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में कभी खुलकर नहीं कहतीं। वे खुलकर बोलने से कतराती हैं जिसकी वजह से वे अनेक शारीरिक समस्याओं से जूझती हैं। महिलाओं को मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। सभी ग्राम पंचायत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 28 मई से 3 जून तक मासिक धर्म स्वच्छता सप्ताह आयोजित करने से संबंधित निर्देश जारी किये गए हैं।
सामान्य तौर पर मासिक धर्म (ऋतु चक्र) 28 दिन का समझा जाता है। इस बार यह कार्यक्रम 23 सफेद तथा 5 लाल मोतियों से निर्मित ब्रेसलेट पहन कर मनाने का फैसला लिया गया है।
ब्रेसलेट धारण कर मासिक धर्म के कलंक को दूर करने की अपील की गई है। प्राकृतिक रूप से होने वाली प्रक्रिया को सहजता से स्वीकार करने के संबंध में प्रेरित करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपसचिव तथा स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी बी कल्लेश ने कार्यक्रम को संचालित किया। उन्होंने मासिक धर्म के बारे में लोगों में जो अंधविश्वास है उसे दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) जिला संचालक कृष्णा दोड्डमनी ने किया।
एचएफ कुसण्णवर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जिला संयोजक सुरेश कपत्तनवर, संगमेश अगसीबागिलु, लता एस पाटिल सहित कई उपस्थित थे।