उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और बृहद बेंगलूर महानगर पालिका (BBMP) मिलकर काम में सुधार करेंगे। उन्होंने कोर्ट के सामने स्पष्ट किया कि लोग CZ के अंदर और बाहर नहीं आ-जा सकते हैं। ऐसे इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों को मुफ्त भोजन की आपूर्ति की जाएगी।
सिंह ने
COVID-19 प्रतिबंधों के कारण पैदा होने वाली परिस्थितियों से संबंधित जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओक और न्यायमूर्ति आलोक अराधे की विशेष खंडपीठ के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होकर ये बातें कहीं।
बेंच ने सवाल किया कि क्या वजह है कि बीबीएमपी के सांविधिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में निरंतर विफल रहने के बावजूद सरकार प्रशासन संभालने के लिए अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं कर रही है? इस पर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार और बीबीएमपी मिलकर काम करेंगे और सुधार करेंगे।
हालांकि पीठ ने अपने पहले के आदेशों में कहा था कि बीबीएमपी एसओपी और अदालत के आदेशों का पालन करने में विफल रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में शामिल बीबीएमपी के आयुक्त बीएच अनिल कुमार ने कहा कि उनकी ओर से कोई अवज्ञा नहीं की गई।
इस बात पर नाराज होकर जब पीठ ने कहा कि यदि ऐसा है तो वे आयुक्त की बात पर जिरह सुनना पसंद करेंगे क्योंकि आयुक्त ने अवज्ञा की बात स्वीकार करने की कोई इच्छा नहीं दिखाई। इस पर बीबीएमपी का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने तत्काल स्पष्ट किया कि बीबीएमपी अपनी गलतियों को ठीक करेगा और एक उचित जवाब दाखिल करेगा।
पीठ ने बीबीएमपी को अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए सुनवाई को 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।