राज्यपाल गहलोत सबसे पहले सुबह जेपी नगर स्थित स्वतंत्रता सेनानी आर. नारायणप्पा के आवास पर गए और उन्हें सम्मानित किया। नारायणप्पा 97 वर्ष के हो चुके हैं। लेकिन, उनकी याददाश्त आज भी कमजोर नहीं पड़ी है। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजों के साथ हुए संघर्ष से जुड़ी घटनाओं को याद किया। उन्होंने बताया कि उस समय उनकी उम्र 16 या 17 वर्ष होगी। नारायणप्पा के बेटे चंद्रशेखर ने पिता को सम्मानित किए जाने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा ‘मेरे पिता ने अपना कर्तव्य निभाया। यह खुशी की बात है कि उन्हें सम्मानित किया गया। जाहिर है यह प्रधानमंत्री के निर्देश पर हुआ है।Ó
उसके बाद राज्यपाल ने बनशंकरी में शंकर नारायण राव (91) से मुलाकात की। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के साथ-साथ 1947 में हुई एक रैली में भाग लिया था। राव के पोते कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि ‘राज्यपाल का दौरा उनके परिवार के लिए पहला ऐसा अनुभव है। पहले वे हमें चाय पर राजभवन बुलाते थे। हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं।Ó
इसके बाद राज्यपाल गहलोत मल्लेश्वरम स्थित एचवी नागभूषण राव (102) के आवास पर पहुंचे। उनके साथ स्थानीय विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथनारायण भी थे। इस दौरान राव ने स्वतंत्रता संग्राम के दिनों को याद किया। उन्होंने कहा ‘मुझे दो बार जेल हुई थी। पहली बार 1942 में, फिर 1947 में।Ó राज्यपाल ने कहा, ‘हमारे सभी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को उनके नि: स्वार्थ समर्पण और बलिदान के लिए सम्मानित करना और उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है।Ó