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आषाढ़ के पहले शुक्रवार पर चामुण्डी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

locationबैंगलोरPublished: Jul 21, 2018 03:44:33 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

धार्मिक परम्परा: मुख्यमंत्री ने भी की पूजा

chamundeshwari

आषाढ़ के पहले शुक्रवार पर चामुण्डी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

मैसूरु. आषाढ़ महीने के पहले शुक्रवार को अलसुबह तीन बजे ठंड और हवाओं के थपेड़ों के बीच हजारों श्रद्धालु चामुण्डी पहाड़ी पर स्थित चामुण्डेश्वरी देवी मंदिर में दर्शन के लिए कतार में लगे। पहाड़ी के ऊपर मानों मानवता का समुद्र लहरा रहा हो। पहाड़ी पर स्थित माता चामुण्डेश्वरी का दर्शन करने के लिए मैसूरु और आसपास के जिलों के श्रद्धालु एकत्रित हुए।
श्रद्धालु शुक्रवार अलसुबह से ही मंदिर में आने शुरू हो गए। यह क्रम दिनभर चलता रहा जो माता के लिए शुभ माना जा रहा है। हिन्दुओं के लिए पवित्र माने जाने वाला आषाढ़ माह पिछले सप्ताह शुरू हुआ। आषाढ़ महीने में शुक्रवार 20, 27 जुलाई तथा तीन व 10 अगस्त को है। मंदिर के गर्भ गृह को आकर्षक रंगीन फूलों से सजाया गया है।
इसमें लक्ष्मी अलंकार मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। मुख्य पुजारी डाक्टर एन शशिशेखर के नेतृत्व में अन्य पुजारियों द्वारा प्रथम पूजा किए जाने के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी गई। रुद्राभिषेक और पंचामृत अभिषेक के अनुष्ठान के बाद मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
दर्शन की विशेष व्यवस्था
मंदिर प्रबंधन ने 50, सौ और तीन सौ रुपए टिकट के जरिये इस बार माता चामुण्डेश्वरी का विशेष दर्शन करने की व्यवस्था की है। नि:शुल्क दर्शन के लिए बेरिकेड्स लगाए गए हैं। विभिन्न संगठनों व व्यक्तियों की ओर से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए मेवे, लड्डू, बादाम बर्फी, खिचड़ी और दही चावल की व्यवस्था की गई है।
राज्य परिवहन निगम की ओर से इस बार भी श्रद्धालुओं के लिए सुबह दो से रात्रि दस बजे तक बसों की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु अपने वाहन ललिता महल के पास स्थित पैलेस ग्राउंड पर पार्क कर रहे हैं। वहीं से बसों के जरिये उन्हें पहाड़ी के ऊपर ले जाने की व्यवस्था है।
चामुण्डी पहाड़ी रोड और उत्तनहल्ली की तरफ से पहाड़ी की ओर जाने वाली सड़क पर निजी वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए महिषासुर प्रतिमा स्थल से बैटरी चालित वाहन संचालित किए जा रहे हैं। सभी श्रद्धालुओं को प्लास्टिक बैग नहीं लाने का सुझाव दिया गया है। प्रसाद दान करने वालों को भी प्लास्टिक के ग्लास और प्लेट में प्रसाद नहीं वितरित करने का सुझाव दिया जा चुका है।

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