परोपकार वाला जीवन जीना चाहिए: आचार्य चंद्रयश
बैंगलोरPublished: Aug 31, 2023 10:52:29 pm
बेंगलूरु. सुमतिनाथ जैन आराधना भवन, यलहंका में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने प्रवचन में कहा कि वर्तमान में मनुष्य का जीवन स्वार्थ प्रधान हो गया है। अपने स्वार्थ को गौण करना और दूसरों के दुख को अपना समझकर उसको सहानुभूति देना इसको कहते हैं परमार्थ वाला जीवन, वर्तमान में परमार्थ का भाव,दूसरों को मदद करने का भाव, कहीं पर भी नहीं दिखता है। जितना व्यक्ति खुद का सोचता है उतना दूसरों का नहीं सोचता। हमें इस सोच को बदलना पड़ेगा। हम किसी की मदद करेंगे तब कोई हमारी मदद करने आगे आएगा। परोपकार वाला जीवन जीना चाहिए। जागृत होना पड़ेगा, अन्यथा पूरा जीवन समाप्त हो जाएगा। आचार्य ने कहा कि भगवान महावीर ने तो 2500 साल पहले ही बता दिया था कि एक समय का भी प्रमाद करने जैसा नहीं है। जीवन का हर पल अनमोल है। इसका सदुपयोग करना होगा।शासन के लिए समय निकालो। जो समय शासन के लिए निकला वहीं मूल्यवान है। बाकी तो सब व्यर्थ है।