एक वेंटिलेटर पर दो मरीजों को रखना संभव है। बशर्ते एक से दूसरे मरीज में सक्रमण नहीं फैले। एस्टर सी. एम. आइ. अस्पताल में यकृत रोग विशेषज्ञ व यकृत प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. सोनल अस्थाना ने बताया कि 3 डी प्रिंटेड वेंटिलेटर स्प्लिटर एडप्टर ( 3D printed splitter for ventilator) के जरिए एक वेंटिलेटर पर एक मरीज को दी जाने वाली सुविधा, दो मरीजों को दी जा सकेगी। इस तकनीक में संक्रमण को रोकने की सुविधा भी मौजूद होगी ताकि एक से दूसरा मरीत संक्रमित न हो।
डॉ. अस्थाना के अनुसार स्प्लिटर एडप्टर उपकरण के जरिए एक वेंटिलेटर दो मरीजों को सांस लेने में मदद करता है। आने वाले समय में स्थिति और गंभीर होती है तो लोगों को बड़ी संख्या में वेंटिलेटर की जरूर पड़ेगी। ऐसे में स्प्लिटर एडप्टर उपकरण की मदद से काफी हद तक वेंटिलेटर की कमी से निपटा जा सकेगा।