प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के पहले दिन सोमवार को खुद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS – एम्स) जाकर कोवैक्सीन लगवा इसके सुरक्षित होने का संदेश दिया। लाभान्वितों से टीकाकरण के लिए बेझिझक आगे आ देश को कोरोना मुक्त करने की अपील की।
राज्य सरकार के पास कोवैक्सीन ( Covaxin) की जितना स्टॉक है उसका महज 2.3 फीसदी ही इस्तमाल हो सका है। शेष टीके राज्य टीका भंडारण इकाई में सुरक्षित हैं लेकिन मई में ये टीके एक्सपायर हो जाएंगे। केंद्र सरकार ने जनवरी में राज्य सरकार को कोवैक्सीन की 3,56,340 खुराक भेजी थी। इसमें से 8,468 खुराक का ही इस्तेमाल हुआ है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश के छह अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को कोवैक्सीन की आपूर्ति की गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) की मिशन निदेशक अरुंधति चंद्रशेखर ने बताया कि बल्लारी, शिवमोग्गा, हासन, चिकमगलूरु, चामराजनगर और दावणगेरे के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोवैक्सीन की आपूर्ति हुई है जबकि प्रदेश के 237 केंद्रों पर कोविशील्ड (Covishield) का उपयोग हो रहा है। मध्य मार्च से कुछ जिला अस्पतालों को कोवैक्सीन की आपूर्ति होगी। लोगों के पास कोविशील्ड या कोवैक्सीन में से किसी एक को चुनने का विकल्प नहीं है।
चिकित्सकों का कहना है कि टीका लगाने से पहले लोगों के भ्रम को दूर करना होगा। दरअसल टीकाकरण के बाद राज्य में गंभीर दुष्प्रभाव के 21 मामले सामने आए हैं। इनमें से किसी को भी कोवैक्सीन नहीं लगाई गई थी। लोगों को चाहिए कि वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और सरकार पर भरोसा रखें।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर (Dr. K. Sudhakar) भी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि देश के दवा नियंत्रक द्वारा मंजूर कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों टीके एक समान सुरक्षित हैं और कोवैक्सीन को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है।