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कुमार के बजट में नया सिर्फ ऋण माफी, बाकी सब सिद्धू के बजट का

locationबैंगलोरPublished: Jul 06, 2018 08:05:02 pm

कुमारस्वामी ने 2.18 लाख करोड़ का बजट पेश किया, 34 हजार करोड़ के कर्ज माफ करने की घोषणा, देसी शराब पर बढ़ाया कर, बिजली भी देगी झटका

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कुमार के बजट में सिर्फ ऋण माफी, बाकी सब सिद्धू के बजट का

बेंगलूरु. कर्नाटक में चुनावी वादे को पूरा करते हुए एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सवा महीने पुरानी जद-एस और कांग्रेस गठबंधन सरकार ने गुरुवार को किसानों का ऋण आंशिक तौर पर सशर्त माफ करने की घोषणा की। कुमारस्वामी सरकार के ऋण माफी योजना से सरकारी खजाने पर चालू वित्त वर्ष में ३४ हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा। हालांकि, सरकार ने प्रति किसान परिवार अधिकतम २ लाख रुपए के संस्थागत कृषि ऋण माफी की घोषणा की है। कृषि को राहत देने के साथ ही कुमारस्वामी ने आमजन पर महंगाई का बोझ भी डाल दिया। ऋण माफी की भरपाई के लिए करों में की गई वृद्धि से राज्य में डीजल-पेट्रोल, बिजली और देसी शराब महंगी हो जाएगी। कुमारस्वामी ने पिछली सिद्धरामय्या सरकार के समय शुरू की गई अन्न भाग्य और इंदिरा कैंटीन सहित सभी योजनाएं भी जारी रखने की घोषणा की। हालांकि, अन्न भाग्य योजना के तहत अब ७ के बजाय सिर्फ ५ किलोग्राम चावल ही मुफ्त दिया जाएगा। ऋण माफी को छोड़कर कुमारस्वामी के बजट में ज्यादा नया कुछ नहीं है। गृह विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए अवांटन का जिक्र कुमारस्वामी के बजट में नहीं है। इसके लिए सिद्धरामय्या मे बजट के आंवटन ही लागू रहेंंगे।
वित्त विभाग का दायित्व संभाल रहे कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार २.१८ लाख करोड़ का बजट पेश करते हुए गठबंधन सरकार के ऋण माफी योजना की घोषणा की। कुमारस्वामी ने करीब १ घण्टा ४८ मिनट के बजट भाषण में कहा कि राज्य सरकार ने पहले चरण में 31 दिसम्बर 2017 तक के सभी गैर चुकाता (डिफाल्टर) कृषि ऋण को माफ करने का निर्णय लिया है। साथ ही कुमारस्वामी ने समय पर कृषि ऋण चुकाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मदद देने की भी घोषणा की। कुमारस्वामी ने कहा कि ऐसे किसानों के खाते में चुकता ऋण राशि या २५ हजार रुपए, में से जो भी कम होगा उतनी राशि सरकार की ओर जमा कराई जाएगी।
कुमारस्वामी ने कहा कि कृषि ऋण के अध्ययन के दौरान पता चला कि बड़े किसानों ने ४० लाख रुपए तक का कर्ज ले रखा है लिहाजा सरकार ने कर्ज माफी की सीमा सिर्फ २ लाख रुपए तक रखने का निर्णय किया। उन्होंंने कहा कि सरकारी व सहकारी बैंकों के अधिकारियों और तीन साल से आयकर का भुगतान करने वाले किसानों को ऋण माफी का लाभ नहीं मिलेगा। किसानों को ऋण दिलाने का रास्ता साफ करने के लिए सरकार उन्हें एरियर माफ करने का प्रमाण पत्र जारी करेगी। इसके लिए बजट में ६५०० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कुमारस्वामी ने पिछली सिद्धरामय्या सरकार के समय माफ किए गए सहकारी कृषि ऋण के मद के बकाया ४१०० करोड़ रुपए भी जारी करने की घोषणा की।
गाौरतलब है कि राज्य के किसानों पर 53 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कृषि ऋण बकाया है। जद-एस ने चुनाव घोषणा पत्र में सत्ता में आने पर 24 घंटे के अंदर सभी तरह का कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था। इसे लेकर भाजपा शुरू से ही कुमारस्वामी सरकार को घेरती रही है। भाजपा के हमलों से परेशान कुमारस्वामी भी पहले ही कह चुके थे कि अगर वे वादे के मुताबिक कृषि ऋण माफी नहीं कर पाए तो पद छोड़ देंगे। चर्चा थी कि संपूर्ण ऋण माफी को लेकर कांग्रेस और जद-एस में मतभेद थे। हालांकि, बाद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दखल के बाद दोनों दलों में कृषि ऋण माफी पर सहमति बन गई। न्यूनतम साझा कार्यक्रम प्रारूपण समिति ने पिछले महीने 34 हजार करोड़ रुपए के ऋण माफी प्रस्ताव को अनुमोदित किया था और 1 जुलाई को हुई गठबंधन समन्वय समिति की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई। राहुल ने बुधवार शाम ही ट्वीट कर उम्मीद जताई थी कि गठबंधन सरकार ऋण माफी का वादा पूरा करेगी और देशभर के किसानों में उम्मीद की लौ जलाएगी। पिछली सिद्धरामय्या सरकार ने चुनाव से पहले किसानों का 50 हजार रुपए तक का सहकारी ऋण माफ किया था और इससे खजाने पर 8100 करोड़ का भार पड़ा था।
एक साल में दूसरा बजट
मई में हुए विधानसभा चुनाव से पहले फरवरी में सिद्धरामय्या के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बजट पेश किया था, लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में आई कुमारस्वामी सरकार ने नए सिरे से पूर्ण बजट पेश करने का निर्णय किया। सिद्धरामय्या ने शुरू में इसका विरोध किया था लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने कुमारस्वामी को नए बजट के लिए हरी झंडी दे दी। हालांकि, राज्य में सरकार बदलने अथवा चुनाव के बाद नई सरकार आने पर नए सिरे से बजट पेश किए जाने की परंपरा पहले भी रही है।
बिजली और पेट्रोल-डीजल महंगा
कुमारस्वामी ने ऋण माफी योजना से राज्य के खजाने पर पडऩे वाले वित्तीय भार को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल के साथ ही शराब पर कर बढ़ाने की घोषणा बजट भाषण में की। डीजल और पेट्रोल पर राज्य कर में 2 फीसदी की वृद्धि की गई है। साथ ही बिजली की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ाने की घोषणा की। बजट में बिजली उपभोग कर को मौजूदा 6 फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी करने का प्रस्ताव है जबकि कैप्टिव एनर्जी के उपभोग पर कर में खपत के मुताबिक 10 से 20 पैसे तक वृद्धि की जाएगी। साथ ही कुमारस्वामी ने देसी शराब पर कर में 4 फीसदी वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने बजट में पेट्रोल पर कर को 30 से बढ़कार 32 और डीजल पर कर को बढ़ाकर 19 से 21 फीसदी करने की घोषणा की। कर में वृद्धि के कारण राज्य में पेट्रोल 1.14 रुपए और डीजल 1.12 रुपए प्रति लीटर महंगा हो जाएगा।
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