उन्होंने कहा कि तीनों जनप्रतिनिधियों ने दावा किया है कि यह मामला उनकी नजर में दस दिन पहले ही आया था। इतने दिन तक तीनों प्रतिनिधि क्या कर रहे थे। इस मामले में एक ही समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। प्रदेश की जनता को पता चल चुका है कि सरकार ने चामराजनगर में आक्सीजन की किल्लत से संक्रमितों की मौत के मामले पर पर्दा डालने के उद्देश्य से बेड ब्लॉकिंग का मामला उछाला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 25 सांसद अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में विफल रहे हैं।