रेलवे आठ और स्टाॅल खोलेगा, कारीगरों के चेहरे पर छलकने लगी खुशी
ओएसओपी स्टॉल ने इलकल की साडि़याें को दिलाई पहचान,ओएसओपी स्टॉल ने इलकल की साडि़याें को दिलाई पहचान
बेंगलूरु. रेल मंत्रालय की लोकल फॉर वोकल योजना स्थानीय कारीगरों के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे जहां स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं कारीगरों को अपना जीवन यापन सम्मानजनक तरीके से करने में मदद मिल रही है। इसे देखते हुए दक्षिण पश्चिम रेलवे ने अपने जोन में कर्नाटक के आठ और रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद के स्टॉल शुरू करने की तैयारी कर ली है। वर्तमान में कर्नाटक के 21 स्टेशनों पर (ओएसओपी) की स्टॉल हैं। आठ स्टेशनों पर स्टॉल शुरू होने पर कुल स्टॉल 29 हो जाएंगी। गदग और हुब्बल्ली क्षेत्र की इलकल साडि़यां ओएसओपी स्टॉल की शान बन चुकी हैं। यहां आने वाले ग्राहक इलकल की साडि़यां नहीं खरीदें यह संभव नहीं है।
दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अनीष हेगड़े ने पत्रिका को बताया कि एक स्टेशन एक उत्पाद योजना लागू होने के बाद महिला स्वयं सहायता समूहों और छोटे उद्योगों, घरेलू उद्योगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है। हुब्बल्ली रेल मंडल के दो प्रमुख स्टेशन एसएसएस हुब्बल्ली और बेलगावी में (ओएसओपी) की कुल 19 स्टॉल संचालित हैं। बांस उत्पाद, बनाना फायबर उत्पाद, खाद्य सामग्री, घर पर बनाई गई मिठाइयां, अचार, मुरब्बे सहित घरों में स्वयं सहायता समूहों में बनवाए गए उत्पाद भी शामिल हैं। इसके अलावा हुब्बल्ली में आयुर्वेदिक दवाइयां, हर्बल उत्पाद, शुद्ध शहद, गुुड़, हैडलूम की साडि़यां, ऑर्गेनिक उत्पाद तथा हुब्बल्ली धारवाड़ की प्रसिद्ध मिठाई करदंत भी इन स्टॉल पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रेन में आने वाले विभिन्न प्रदेशों के यात्री इन स्टॉल पर शौक से खरीदारी करते हैं।उन्होंने बताया कि ओएसओपी स्टॉल उत्पाद की अधिक मांग पैदा करने और स्थानीय कारीगरों के लिए बेहतर अवसर मुहैया कराने में मदद करेगा।
ये स्टॉल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहे हैं वहीं स्थानीय स्वयं सहायता समूहों (एचएसजी) और कारीगरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। योजना के तहत चयनित रेलवे स्टेशनों पर बनाए गए आउटलेट पर स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के साथ बेचे जा रहे हैं। यह योजना वर्ष 25 मार्च 2022 को शुरू की गई थी। 1 मई 2023 तक देश के 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 785 स्टेशनों पर आउटलेट खोलने के साथ 728 स्टेशनों को कवर किया गया। कर्नाटक के 21 रेलवे स्टेशनों पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के स्टॉल संचालित हैं।